Saturday, 13 September 2025  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

तुर्की में अलर्ट! कतर में नेतन्याहू के हमले से कतरा गए एर्दोगन

जनता जनार्दन संवाददाता , Sep 11, 2025, 11:45 am IST
Keywords: AWACS   इजरायल    तुर्की और इजरायल   तुर्की    इजरायल   qater  
फ़ॉन्ट साइज :
तुर्की में अलर्ट! कतर में नेतन्याहू के हमले से कतरा गए एर्दोगन

कतर की राजधानी दोहा में हमास के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाकर किए गए इजरायल के हालिया हमलों ने पश्चिम एशिया में सुरक्षा संतुलन को हिला कर रख दिया है. हमले के बाद तुर्की ने तुरंत अपनी वायुसेना को अलर्ट कर दिया है. खासतौर पर दियारबाकिर और मालट्या में स्थिति तेजी से बदलती नजर आई, जहां से तुर्की के लड़ाकू विमान रातोंरात उड़ान भरते देखे गए.

मिडिल ईस्ट आई (MEE) को स्थानीय नागरिकों ने बताया कि दियारबाकिर के पास आसमान में जेट विमानों की आवाजाही स्पष्ट रूप से देखी गई. इससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि तुर्की सरकार विशेष तौर पर राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन इस पूरे घटनाक्रम को लेकर गहरी चिंता में हैं.

रातभर चली हवाई गतिविधि, सीमाओं पर चौकसी बढ़ाई गई

मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, हमले के बाद तुर्की वायुसेना ने रातभर कई अतिरिक्त जेट विमानों को उड़ान भरवाई और सीरिया तथा इराक से सटे अपने सीमावर्ती हवाई क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी. हालाँकि आधिकारिक रूप से कोई राष्ट्रीय स्तर का अलर्ट घोषित नहीं किया गया, लेकिन यह साफ है कि सीरियाई और इराकी वायुसीमा की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है.इस उद्देश्य से एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) विमानों की भी तैनाती की गई है, ताकि आस-पास की हवाई हलचलों पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके.

पिछले अनुभवों से मिली सीख, जून में भी तुर्की ने उठाए थे कदम

यह पहला मौका नहीं है जब तुर्की ने क्षेत्रीय सैन्य तनाव के दौरान सतर्कता दिखाई हो. जून 2025 में जब ईरान और इजरायल के बीच टकराव बढ़ा था, उस समय भी तुर्की ने अपने रडार सिस्टम के जरिए इजरायली सैन्य गतिविधि को ट्रैक किया था और तुरंत हवाई सुरक्षा को मजबूत किया था. तुर्की वायुसेना के खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख गुरसेल टोकमाकोग्लू के अनुसार, इस प्रकार की हवाई गश्त और सतर्कता तुर्की सेना की एक नियमित एहतियाती रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी किस्म की अफवाह या सोशल मीडिया पर उड़ती बातों के आधार पर सेना कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं देती.

इस्तांबुल पर भी निगाहें, क्या अगला निशाना हो सकता है हमास कार्यालय?

दोहा में हुए हमास नेताओं पर हमले के बाद अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि इजरायल अगला निशाना इस्तांबुल स्थित हमास का राजनीतिक कार्यालय बना सकता है. जानकारी के अनुसार, वर्ष 2011 में इजरायली सैनिक गिलाद शालिट की रिहाई की बातचीत के लिए यह कार्यालय खोला गया था, और तब से लेकर अब तक यहां हमास के करीब 40 सदस्य तुर्की में निवास कर रहे हैं.हालांकि तुर्की की ओर से बार-बार यह साफ किया गया है कि वह हमास को केवल राजनीतिक शरण देता है, सैन्य समर्थन नहीं.

AWACS की तैनाती और सेना की रणनीति

टोकमाकोग्लू ने यह भी बताया कि एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम विमानों की तैनाती पूरी तरह से तर्कसंगत और पूर्व निर्धारित रणनीति के तहत की गई है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि तुर्की की रक्षा नीतियां सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों के प्रभाव में नहीं आतीं, बल्कि वे एक सुव्यवस्थित और स्वतंत्र ढांचे पर आधारित होती हैं.

इजरायल से तनाव का दौर जारी

तुर्की और इजरायल के रिश्तों में पिछले कुछ महीनों में काफी तल्खी देखने को मिली है. खासतौर से गाजा में इजरायली हमलों को लेकर तुर्की सरकार ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है. राष्ट्रपति एर्दोगन ने कई मौकों पर इस्राइली नीतियों की आलोचना की है, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक दूरी और बढ़ गई है.

अन्य अंतरराष्ट्रीय लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल