|
जापान में 100 साल से ज्यादा के 1 लाख बुजुर्ग, बनायाा वर्ल्ड रिकॉर्ड
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 14, 2025, 18:49 pm IST
Keywords: जापान वर्ल्ड रिकॉर्ड world records japan
जापान एक बार फिर दुनिया के सबसे उम्रदराज़ नागरिकों वाले देशों में अपना परचम लहरा रहा है. हाल ही में जापान की स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में लगभग 1 लाख नागरिकों की उम्र 100 साल या उससे अधिक हो चुकी है. यह आंकड़ा जापान की उम्रदराज़ आबादी और उनके दीर्घायु जीवनशैली की ओर साफ इशारा करता है. जापान में कुल बुजुर्गों की संख्या 99,763 स्वास्थ्य मंत्री ताकामारो फुकोका द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 87,784 महिलाएं और 11,979 पुरुष ऐसे हैं जिन्होंने 100 साल की उम्र पार कर ली है. इस प्रकार कुल 99,763 बुजुर्ग शतायु जीवन जी चुके हैं. इस समूह में महिलाओं की संख्या लगभग 88% है, जो दर्शाता है कि जापान में महिलाओं की औसत आयु पुरुषों से अधिक है. यह आंकड़ा देश की कुल 12.4 करोड़ आबादी का लगभग 0.81% है और जापान ने लगातार 55वें वर्ष इस आंकड़े में बढ़ोतरी दर्ज की है. बुजुर्गों को सम्मानित करता है जापान हर साल 15 सितंबर को जापान में "बुजुर्गों के सम्मान का दिन" मनाया जाता है, जिसे जापानी में केईरो नो ही कहा जाता है. इस खास दिन पर सरकार की ओर से 100 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है. इस बार लगभग 52,310 बुजुर्गों को प्रधानमंत्री की ओर से शुभकामनाओं का पत्र और चांदी का गिलास भेंट किया जाएगा. यह परंपरा बुजुर्गों के प्रति सम्मान और आभार प्रकट करने का प्रतीक है. देश की सबसे बुजुर्ग महिला और पुरुष
दीर्घायु जीवन में जापान की स्थिति और कारण वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू 2024 के आंकड़ों के अनुसार जापान का जीवन प्रत्याशा दर 95.1 वर्ष है, जो उसे दुनिया में चौथे स्थान पर लाता है. यह दर्शाता है कि जापानी नागरिक औसतन 95 वर्ष तक जीवित रहते हैं. महिलाएं पुरुषों से अधिक जीती हैं जापान में महिलाओं की जीवन प्रत्याशा पुरुषों की तुलना में अधिक है, जो कि आहार, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और सामाजिक जीवनशैली की वजह से है. जापान- दुनिया का दूसरा सबसे स्वस्थ देश 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, जापान को विश्व का दूसरा सबसे स्वस्थ देश माना गया है. यह रैंकिंग विभिन्न मानकों जैसे कि मोटापा, डायबिटीज की दर, मानसिक स्वास्थ्य, सेहत पर खर्च, और खुशी के स्तर पर आधारित है. 1960 के दशक तक पीछे था जापान आज भले ही जापान बुजुर्गों की दीर्घायु का प्रतीक बन गया हो, लेकिन एक समय था जब यहां की जीवन प्रत्याशा अन्य विकसित देशों की तुलना में कम थी. 1963 में, एक सरकारी सर्वे में सामने आया कि पूरे देश में केवल 153 लोग ऐसे थे जिनकी उम्र 100 वर्ष से अधिक थी. सरकार ने शुरू कीं महत्वपूर्ण पहलें इस चिंताजनक स्थिति को सुधारने के लिए जापान सरकार ने व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाए. लोगों को कम नमक और कम चीनी के सेवन के लिए प्रेरित किया गया. मोटापे को नियंत्रित करने के उपायों को बढ़ावा दिया गया. दिल, ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने पर खास ध्यान दिया गया. एक्सरसाइज बना जीवन का हिस्सा 1923 में जापान में एक 3 मिनट का एक्सरसाइज प्रोग्राम शुरू किया गया था जो बाद में पूरे देश की संस्कृति का हिस्सा बन गया. हर सुबह रेडियो या टीवी पर इसे चलाया जाता है और स्कूल से लेकर ऑफिस तक, लाखों लोग इसका पालन करते हैं. |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
|
हां
|
|
|
नहीं
|
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|
|