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ट्रंप का अमेरिका ठप! हर दिन करोड़ों डॉलर का नुकसान, वर्कफोर्स बेहाल
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 02, 2025, 18:20 pm IST
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![]() स्वास्थ्य बीमा को लेकर तीखी खींचतान डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि अफोर्डेबल केयर एक्ट (जिसे ओबामाकेयर भी कहा जाता है) के तहत दी जा रही सब्सिडी को बनाए रखा जाए ताकि आम अमेरिकी नागरिकों पर बीमा प्रीमियम का बोझ न बढ़े. वहीं रिपब्लिकन इस सब्सिडी को अनुचित “हैंडआउट” मानते हुए इसका विरोध कर रहे हैं. इस खींचतान के कारण लाखों सरकारी कर्मचारी बेरोजगार हो चुके हैं और देशभर के ऐतिहासिक स्थल जैसे लिबर्टी बेल (पेनसिल्वेनिया) और पर्ल हार्बर (हवाई) को भी बंद करना पड़ा है. ट्रंप बनाम डेमोक्रेट्स: आरोप-प्रत्यारोप की जंग राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि वे अमेरिकी जनता को “बंधक” बना रहे हैं. दूसरी तरफ, डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप आम लोगों को सिर्फ एक राजनीतिक मोहरा समझते हैं. इस तीखे टकराव ने कांग्रेस को जाम कर दिया है, और किसी भी तरह के समझौते की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं दिख रही. शटडाउन कैसे शुरू हुआ? इस राजनीतिक संकट की शुरुआत तब हुई जब सीनेट में डेमोक्रेट्स ने उस अल्पकालिक खर्च बिल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया, जिसमें स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी के लिए फंडिंग शामिल नहीं थी. डेमोक्रेट्स का कहना है कि सब्सिडी हटने से मिडल क्लास और लोअर इनकम ग्रुप पर बीमा की भारी लागत का बोझ पड़ेगा, जबकि रिपब्लिकन इसे ओबामाकेयर का अनावश्यक विस्तार करार दे रहे हैं. नेताओं के बीच सियासी बयानबाज़ी तेज विवाद अब केवल नीति तक सीमित नहीं है, बल्कि सीधी राजनीतिक लड़ाई में बदल चुका है. उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और सीनेट डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. ट्रंप प्रशासन ने डेमोक्रेट्स पर यह भी आरोप लगाया कि वे अवैध आप्रवासियों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसे विपक्ष ने सिरे से खारिज किया है. हर दिन 40 करोड़ डॉलर का नुकसान कांग्रेसनल बजट ऑफिस के मुताबिक, इस शटडाउन से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को हर दिन करीब 400 मिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है. करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारी बिना वेतन के छुट्टी पर हैं, जबकि सेना, हवाई यातायात नियंत्रक और सीमा सुरक्षा जैसे आवश्यक सेवाओं के कर्मचारी बिना तनख्वाह काम कर रहे हैं. यह स्थिति लंबे समय तक जारी रही तो अर्थव्यवस्था को गंभीर झटका लग सकता है. आम जनता और पर्यटकों पर पड़ा सीधा असर शटडाउन का सबसे बड़ा असर आम लोगों और पर्यटकों पर पड़ रहा है. राष्ट्रीय स्मारक, संग्रहालय और पार्क जैसे कई स्थलों को बंद कर दिया गया है, जिनमें गेटवे आर्च (मिसूरी) और जॉन एफ. कैनेडी लाइब्रेरी (बोस्टन) जैसे स्थान शामिल हैं. सरकारी कर्मचारियों के लिए यह समय और भी कठिन हो गया है. ट्रंप ने इशारा किया है कि इस बार फर्लो (अनिवार्य अवकाश) को स्थायी छंटनी में बदला जा सकता है. इससे खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों में डर का माहौल है. |
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