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नॉर्थ कोरिया में अब ब्रेस्ट इम्प्लांट माना जाएगा अपराध
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 02, 2025, 18:27 pm IST
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![]() उत्तर कोरिया में सौंदर्य को लेकर सोच अब एक बार फिर विवादों में है. तानाशाह किम जोंग उन ने महिलाओं के बीच बढ़ते कॉस्मेटिक सर्जरी ट्रेंड को ‘असामाजिकवादी’ करार देते हुए उस पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है. विशेष रूप से ब्रेस्ट इंप्लांट (स्तन वृद्धि सर्जरी) पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है. सर्जरी को माना गया पूंजीवादी प्रभाव नॉर्थ कोरियाई सरकार का मानना है कि सौंदर्य बढ़ाने वाली सर्जरी जैसे ब्रेस्ट इंप्लांट, डबल आईलिड सर्जरी और आइब्रो टैटू युवाओं में पूंजीवादी मानसिकता का प्रतीक बनती जा रही हैं. सरकार का कहना है कि यह विचारधारा देश की समाजवादी संस्कृति को नुकसान पहुंचा रही है, और इसी कारण ऐसे मामलों को सीधे "राजनीतिक असहमति" की तरह देखा जा रहा है. सर्जरी कराने वालों को जेल या श्रमिक शिविर की सजा रिपोर्ट्स के अनुसार, सितंबर 2025 में सरीवोन शहर में एक सार्वजनिक मुकदमे के दौरान एक निजी डॉक्टर और दो युवतियों को इस तरह की अवैध सर्जरी के लिए अदालत में पेश किया गया. सबूतों में सिलिकॉन, सर्जिकल उपकरण और बड़ी नकदी भी शामिल थी. सरकार ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामलों में दोषी पाए गए लोगों को श्रमिक शिविरों में भेजा जा सकता है, जहां अमानवीय हालातों में उन्हें कठोर श्रम करवाया जाता है. महिलाओं की जांच के लिए चलाया गया गुप्त अभियान जुलाई से सितंबर 2025 के बीच सरकार ने एक विशेष अभियान चलाया, जिसमें गुप्त एजेंटों और स्थानीय निगरानी समूहों की मदद से ऐसी सर्जरी कराने वालों की पहचान की गई. संदेह के आधार पर कई महिलाओं को पकड़कर अस्पतालों में शारीरिक जांच के लिए भेजा गया. इस अभियान का उद्देश्य "पूंजीवादी सौंदर्य आदर्शों" को जड़ से खत्म करना बताया गया है. जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया सरकारी कदम पर लोगों की राय बंटी हुई है. कुछ नागरिकों ने डॉक्टरों की आर्थिक मजबूरी और महिलाओं की आत्म-छवि सुधारने की इच्छा को समझते हुए सहानुभूति जताई है, वहीं कई अन्य लोगों ने इस ट्रेंड को "समाज विरोधी" और "अनुशासनहीन" माना है. हालांकि नॉर्थ कोरिया जैसे सख्त तानाशाही वाले देश में खुलकर विरोध जताना अब भी नामुमकिन है. |
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