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पाकिस्तान तक पहुंचेगी नेपाल आंदोलन की चिंगारी? Gen-Z की आग भस्म हो सकते हैं मुनीर-शहबाज
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 09, 2025, 19:06 pm IST
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![]() नेपाल में हाल ही में भड़के जनाक्रोश ने एक बार फिर दिखा दिया कि जब युवा सड़क पर उतरते हैं, तो सबसे मजबूत सत्ता भी टिक नहीं पाती. जनरेशन Z यानी युवा पीढ़ी ने जिस तरह काठमांडू में सत्ता के खिलाफ मोर्चा खोला, संसद को घेरा, नेताओं के घरों को आग के हवाले किया और अंततः प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया वो एक ऐसी घटना है, जिसकी गूंज अब दक्षिण एशिया में भी सुनाई देने लगी है. विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल की आग की चिंगारी अब पाकिस्तान की ओर भी रुख कर सकती है, जहां हालात पहले से ही काफी नाजुक हैं. नेपाल की एक चिंगारी जिसने सत्ता को झुका दिया नेपाल सरकार ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, एक्स (पूर्व ट्विटर), व्हाट्सऐप पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया था. इस फैसले ने देश के युवाओं को भड़का दिया. विरोध पहले शांतिपूर्ण था, लेकिन जल्द ही प्रदर्शन उग्र हो गया. संसद भवन पर हमला हुआ, नेताओं के घरों में आग लगा दी गई और पुलिस के साथ टकराव में 19 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इस आंदोलन की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इसे जनरेशन Z यानी आधुनिक तकनीक में पले-बढ़े, सोशल मीडिया-संलग्न युवाओं ने नेतृत्व दिया. पाकिस्तान: कंगाल जनता, बेचैन होती युवा पीढ़ी अब नजर डालते हैं पाकिस्तान पर. यहां हालात किसी से छिपे नहीं हैं. आर्थिक संकट चरम पर है- रोटी, चीनी, घी और आटा जैसी बुनियादी चीजें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चुकी हैं.
देश में बेरोजगारी, बिजली कटौती, महंगाई, और वित्तीय कर्ज ने जनता की कमर तोड़ दी है. और यही वह विस्फोटक स्थिति है, जिसमें नेपाल जैसे आंदोलन कभी भी पाकिस्तान में जन्म ले सकते हैं. सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर बढ़ता दबाव पाकिस्तानी सेना के प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर पहले से ही देश के कई संकटों से घिरे हुए हैं.
ऐसे में अगर पाकिस्तान में भी नेपाल जैसी जनक्रांति का आगाज़ होता है, तो इससे सबसे बड़ा झटका सेना को लग सकता है. खासकर तब, जब युवा पीढ़ी यह मानने लगे कि सत्ता में असली ताकत सेना के पास है. क्या एक कैटेलिस्ट बनेगा नेपाल का आंदोलन?
अगर पाकिस्तान की युवा पीढ़ी भी एकजुट होकर रोटी, शिक्षा और रोज़गार जैसे मुद्दों पर सड़कों पर उतरती है, तो ये आंदोलन नेपाल से भी ज्यादा धमाकेदार और व्यापक हो सकता है. इमरान खान की पार्टी को मिलेगा मौका? पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पहले से ही विरोध की राह पर है.
नेपाल में हुए जनांदोलन ने PTI को एक नया उदाहरण दिया है कि अगर वहां के युवा सोशल मीडिया बैन पर उठ सकते हैं, तो पाकिस्तान में लोग भूख और बेकारी के खिलाफ क्यों नहीं? पाकिस्तान की सत्ता पहले ही कमजोर नींव पर पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था फिलहाल बेहद अस्थिर है:
नेपाल में ओली की विदाई ने यह दिखा दिया है कि जनता जब सड़क पर आती है, तो सत्ता का संतुलन हिल जाता है. बलूचिस्तान और KPK में उठ रही चिंगारियां पाकिस्तान में पहले ही कई इलाके सेना के खिलाफ रोष में हैं. खासकर:
इन दोनों राज्यों में युवाओं का आक्रोश किसी चिंगारी का इंतजार कर रहा है और नेपाल जैसा आंदोलन उस आग को हवा दे सकता है. |
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