|
क्या गाजा में अब होगा सीजफायर? नेतन्याहू और पुतिन के बीच बातचीत
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 16, 2025, 12:11 pm IST
Keywords: Breaking News Trending News Exclusive नेतन्याहू ईरान
मध्य-पूर्व इस समय कई भू-राजनीतिक संकटों से गुजर रहा है—गाजा में युद्ध के हालात, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ती आशंकाएं और सीरिया में लगातार अस्थिरता. ऐसे माहौल में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच हुई हालिया टेलीफोन वार्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी अहम मानी जा रही है. दोनों नेताओं ने एक बार फिर संकेत दिया कि क्षेत्रीय स्थिरता केवल कूटनीतिक संवाद और समझौतों के जरिए ही संभव है.
अमेरिका की कूटनीतिक सक्रियता के बीच हुई बातचीत यह टेलीफोन कॉल ऐसे समय हुई है जब संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं. अमेरिका सुरक्षा परिषद से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20-बिंदुओं वाली गाजा योजना को मंजूरी दिलाने की कोशिश कर रहा है. इस योजना में तत्काल युद्धविराम, चरणबद्ध तरीके से इजराइली सेना की वापसी, बंधकों की रिहाई, गाजा में अंतरराष्ट्रीय शांति बोर्ड के अधीन अस्थायी प्रशासन, क्षेत्र का पूर्ण असैन्यीकरण और बड़े पैमाने पर पुनर्निर्माण जैसी व्यापक प्रावधान शामिल हैं. यह योजना आने वाले समय में मध्य-पूर्व की राजनीति की दिशा तय कर सकती है. वार्ता की पहल और फोकस: पुतिन रहे अग्रणी इजराइली मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इस बार बातचीत की पहल राष्ट्रपति पुतिन द्वारा की गई. पिछली मुलाकातों की तरह यह वार्ता भी क्षेत्रीय संकटों और कूटनीतिक संतुलन पर केंद्रित रही. हालांकि, इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय ने वार्ता के विस्तृत बिंदुओं को सार्वजनिक करने से परहेज़ किया.इसके बावजूद यह साफ है कि दोनों देश मौजूदा परिस्थितियों में लगातार संवाद बनाए रखना चाहते हैं ताकि क्षेत्रीय तनाव को नियंत्रित किया जा सके. अक्टूबर की वार्ता और गाजा पर वैश्विक मतभेद पुतिन और नेतन्याहू की पिछले महीने अक्टूबर में भी महत्वपूर्ण बातचीत हुई थी. तब दुनिया भर में ट्रंप की शांति योजना पर चर्चा तेज थी. शार्म एल-शेख में 13 अक्टूबर को आयोजित सम्मेलन में इस प्रस्ताव को व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला था. इजराइल ने इसे औपचारिक रूप से स्वीकार भी कर लिया, लेकिन हमास ने अभी तक इस योजना की सभी शर्तों पर सहमति नहीं दी है. यही वजह है कि स्थिति अभी भी अनिश्चित बनी हुई है, और वैश्विक शक्तियां लगातार समाधान की तलाश में हैं |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
|
हां
|
|
|
नहीं
|
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|
|