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शेख हसीना को मौत की सजा का फरमान मिलने के बाद, भारत क्यों आए बांग्लादेशी NSA
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 19, 2025, 12:59 pm IST
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बांग्लादेश एक बार फिर राजनीतिक भूचाल से गुजर रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद ढाका की सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. पिछले वर्ष हुए तख्तापलट के बाद जैसी अस्थिरता देखी गई थी, वही तस्वीर दोबारा उभरती दिखाई दे रही है. हसीना समर्थक इस फैसले को ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ बता रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ विरोधी इसे न्याय का क्षण मान रहे हैं. 17 नवंबर 2025 को आए इस फैसले ने बांग्लादेश में भारी हंगामा खड़ा कर दिया. ट्रिब्यूनल ने हसीना को 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर घातक बल प्रयोग के मामलों में ‘क्राइम्स अगेंस्ट ह्यूमैनिटी’ का दोषी ठहराया. उन्हें पांच मामलों में दोषी पाया गया, जिनमें भड़काऊ भाषण देने के आरोप पर उम्रकैद की सजा भी शामिल है. फैसले के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए और हालात इतने बिगड़े कि खुद हसीना के घर पर भी हमला हुआ. वहीं, अंतरराष्ट्रीय संगठनों खासतौर पर एमनेस्टी इंटरनेशनल—ने इस फैसले की पारदर्शिता और न्यायिक प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए. सूत्रों के मुताबिक, भारत ने भी इस सजा को “अवैध और अमान्य” बताया है. एनएसए खालिलुर रहमान के अचानक भारत पहुंचने से बढ़ी चर्चा इन तनावपूर्ण परिस्थितियों के बीच बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) खालिलुर रहमान का निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले भारत पहुंचना कई सवाल खड़े कर रहा है. वह मंगलवार शाम 6:30 बजे दिल्ली पहुंचे, जहां भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उनका स्वागत किया. हालांकि उनका भारत दौरा आधिकारिक रूप से कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) की 7वीं एनएसए-स्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए है, जो 19–20 नवंबर को दिल्ली में आयोजित की जा रही है, लेकिन शेख हसीना को मौत की सजा के ठीक एक दिन बाद उनका अचानक भारत आना रणनीतिक संकेत माना जा रहा है. क्या भारत-बांग्लादेश के बीच गुप्त बातचीत की तैयारी? बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, रहमान बुधवार की शाम सदस्य देशों के NSA और शीर्ष अधिकारियों से मिलने वाले डिनर में शामिल होंगे. गुरुवार को उनका भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात का कार्यक्रम भी तय है. फिर भी सवाल यह है कि वह अचानक शेड्यूल से पहले क्यों पहुंचे? हालांकि आधिकारिक रूप से किसी भी कारण की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि रहमान का जल्दी आना दो देशों के बीच संभावित द्विपक्षीय वार्ता का संकेत हो सकता है. बहुत संभावना है कि बातचीत का एक बड़ा हिस्सा शेख हसीना की सजा, क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा पर केंद्रित हो. बांग्लादेश की राजनीतिक दिशा पर दुनिया की नजर ढाका में मचे बवाल और भारत में रहमान के त्वरित आगमन ने इस पूरे मामले को अंतरराष्ट्रीय महत्व दे दिया है. क्षेत्रीय सुरक्षा, मानवीय चिंताएं और राजनीतिक भविष्य—इन तीनों ही स्तरों पर बांग्लादेश एक अहम मोड़ पर खड़ा है. आने वाले कुछ दिनों में यह स्पष्ट हो सकता है कि क्या यह राजनीतिक संकट बातचीत से सुलझेगा या हालात और अधिक बिगड़ेंगे. |
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