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ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहता है सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 16, 2025, 11:57 am IST
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ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहता है सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्मोस मिसाइल के महत्व और उसकी वैश्विक स्वीकार्यता पर जोर देते हुए कहा कि भारत अब सिर्फ अपनी रक्षा क्षमता बढ़ा रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक समीकरणों में भी अहम भूमिका निभा रहा है. उन्होंने यह घोषणा की कि इंडोनेशिया, जो दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है, ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की दिशा में सक्रिय हो गया है.

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम भारत की सैन्य तकनीक में आत्मनिर्भरता और उच्च स्तरीय रक्षा निर्माण क्षमता को दर्शाता है. यह संकेत देता है कि भारत अब न केवल हथियारों का उपभोक्ता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर निर्णायक निर्माता और निर्यातक बन चुका है.

ब्रह्मोस का निर्माण: आधुनिक तकनीक का प्रतीक

ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने लखनऊ में अपनी नई ‘इंटीग्रेशन एंड टेस्ट’ सुविधा से ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप सफलतापूर्वक तैयार कर ली है. यह इकाई 11 मई 2025 को उद्घाटन के बाद पूरी तरह परिचालन में आ गई थी.

विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रह्मोस मिसाइल सुपरसोनिक गति, लंबी दूरी और उच्च सटीकता वाली प्रणाली के लिए जानी जाती है. इसकी निर्माण प्रक्रिया में असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग अत्यंत उच्च तकनीकी मानकों के अनुसार की जाती है.

लखनऊ की यह इकाई उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. इसकी स्थापना में लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत आई है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई है.

ब्रह्मोस: भारत की सामरिक ताकत का संदेश

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ब्रह्मोस केवल एक मिसाइल नहीं है, बल्कि यह भारत की बढ़ती सैन्य दहाड़ और आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण की क्षमता का प्रतीक है. उन्होंने बताया कि इस मिसाइल के निर्माण और सफल परीक्षण ने वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा को और मजबूत किया है.

उन्होंने कहा, "लखनऊ में तैयार हो रही ब्रह्मोस मिसाइलें भारत के गौरव और आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन का चमकता प्रमाण हैं. यह मिसाइल न केवल हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि हमारे कूटनीतिक वजन को भी बढ़ाएगी."

वैश्विक रुचि और रणनीतिक महत्व

इंडोनेशिया जैसी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश की रुचि यह दर्शाती है कि भारत की सैन्य तकनीक अब अंतरराष्ट्रीय मान्यता पा रही है. विश्लेषकों के अनुसार, ब्रह्मोस का निर्यात केवल आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक सामरिक स्थिति और कूटनीतिक प्रभाव को बढ़ाने वाला कदम है.

इससे साफ संकेत मिलता है कि भारत अब हथियारों के क्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभा रहा है, और उसके तकनीकी कौशल की दुनिया में प्रशंसा हो रही है.

राजनाथ सिंह का संदेश

कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं और अधिकारियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने स्वाभिमान, ईमानदारी और निष्ठा पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "मनुष्य हर चीज़ से समझौता कर सकता है, लेकिन अपने स्वाभिमान और मान-सम्मान से नहीं."

सिंह ने युवाओं को संगठन में पूरी निष्ठा के साथ काम करने और मर्यादाओं का पालन करने की सीख भी दी. उन्होंने कहा, “भगवान राम ने भी मर्यादाओं का पालन किया, इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है. युवा कार्यकर्ताओं को इसी प्रकार निष्ठा और अनुशासन के साथ संगठन में योगदान देना चाहिए.”

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