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खालिदा जिया के निधन पर PM मोदी ने जताया दुख
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 30, 2025, 11:55 am IST
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख बेगम खालिदा जिया के निधन से दक्षिण एशिया की राजनीति में एक अहम अध्याय का अंत हो गया है. उनके निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें बांग्लादेश की राजनीति की एक प्रभावशाली शख्सियत बताया और भारत-बांग्लादेश संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को याद किया.प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा संदेश में कहा कि ढाका में बेगम खालिदा जिया के निधन की खबर अत्यंत पीड़ादायक है. उन्होंने दिवंगत नेता के परिवार और बांग्लादेश की जनता के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से दुख सहने की शक्ति देने की कामना की. “भारत-बांग्लादेश संबंधों में अहम भूमिका निभाई” पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा कि बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में खालिदा जिया ने न सिर्फ अपने देश के विकास में योगदान दिया, बल्कि भारत और बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्ष 2015 में ढाका में उनसे हुई मुलाकात उन्हें आज भी याद है और आशा जताई कि उनकी सोच और विरासत दोनों देशों की साझेदारी को आगे दिशा देती रहेंगी. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, बेगम खालिदा जिया का निधन मंगलवार सुबह करीब 6 बजे ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में हुआ. वह पिछले एक महीने से अधिक समय से वहीं उपचाराधीन थीं. पार्टी ने उन्हें बांग्लादेश के आधुनिक राजनीतिक इतिहास की एक सशक्त नेता बताते हुए कहा कि उनके योगदान को लंबे समय तक याद रखा जाएगा. बीएनपी ने देशवासियों से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने की अपील भी की. लंबे समय से गंभीर बीमारियों से जूझ रहीं थीं खालिदा जिया को 23 नवंबर को दिल और फेफड़ों से जुड़ी जटिल समस्याओं के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंतिम दिनों में उन्हें निमोनिया की शिकायत भी हो गई थी. वह करीब 36 दिनों तक लगातार मेडिकल निगरानी में रहीं और उनकी हालत लगातार नाजुक बनी रही. बीते कुछ वर्षों से वह कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं, जिनमें लिवर सिरोसिस, डायबिटीज, गठिया और किडनी, फेफड़े, हृदय व आंखों से जुड़ी पुरानी समस्याएं शामिल थीं. अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरों की टीम कर रही थी इलाज उनके इलाज की निगरानी एक विशेष मेडिकल बोर्ड कर रहा था, जिसमें बांग्लादेश के साथ-साथ ब्रिटेन, अमेरिका, चीन और ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल थे. इस महीने उन्हें बेहतर इलाज के लिए विदेश ले जाने की योजना पर भी विचार हुआ था, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी कमजोर हालत को देखते हुए यात्रा को जोखिमभरा बताया, जिसके चलते यह योजना रद्द कर दी गई. |
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