|
डरने की बात नहीं है, मैं जिंदा हूं और जिंदा रहूंगी: पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 17, 2025, 11:13 am IST
Keywords: पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश Bangladesh N ews
बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध कथित अपराधों से जुड़े मामलों में आज विशेष न्यायाधिकरण अपना फैसला सुनाने वाला है. फैसले से पहले पूरे देश में तनाव और अनिश्चितता का माहौल गहरा गया है. राजधानी ढाका सहित कई शहरों में सुरक्षा अभूतपूर्व रूप से कड़ी कर दी गई है. पुलिस को हिंसक प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए साफ निर्देश दिया गया है कि जरूरत पड़ने पर सीधे गोली चलाने से भी पीछे न हटें. ICT आज सुनाएगा ऐतिहासिक फैसला अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) 78 वर्षीय शेख हसीना के खिलाफ यह फैसला उनकी गैरमौजूदगी में सुना रहा है. हसीना वर्तमान में देश से बाहर निर्वासन में हैं. अभियोजन पक्ष ने अदालत से उनके लिए अधिकतम सजा, यानी मौत की सजा, की मांग दोहराई है. अभियोजक ग़ाज़ी एमएच तमीम ने मीडिया को बताया कि दोष सिद्ध होने की स्थिति में हसीना की संपत्ति जब्त करके उसे बीते वर्ष हुए प्रदर्शनों में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों को देने की भी मांग की गई है. तमीम ने यह भी साफ किया कि कानून के अनुसार हसीना तब तक उच्चतम न्यायालय में अपील नहीं कर सकतीं, जब तक वे खुद आत्मसमर्पण न करें या फैसले के 30 दिनों के भीतर गिरफ्तार न की जाएं. फैसले से पहले हसीना का भावनात्मक संदेश फैसले से पहले अवामी लीग के आधिकारिक फेसबुक पेज पर शेख हसीना का एक भावुक ऑडियो संदेश जारी हुआ. संदेश में उन्होंने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "मैं जिंदा हूं, जिंदा रहूंगी. देश के लोगों का साथ देती रहूंगी. डरने की कोई वजह नहीं है." उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया और अंतरिम सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया. हसीना ने अपने संबोधन में कहा कि अवामी लीग को राजनीति से मिटाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन पार्टी की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उसे समाप्त करना आसान नहीं होगा. साथ ही उन्होंने दावा किया कि अंतरिम सरकार देश को कट्टरपंथ की ओर धकेल रही है और हिंसा, आगजनी तथा हत्या के दोषियों को संरक्षण दे रही है. अवामी लीग ने न्यायाधिकरण के फैसले को राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए सोमवार को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है. ढाका में हिंसा के बीच बम विस्फोट देशभर में फैसले से पहले ही स्थिति तनावपूर्ण हो गई. ढाका सहित कई जिलों में बसों तथा निजी वाहनों में आग लगाने, कॉकटेल बम फेंकने और मुख्य सड़कों को अवरुद्ध करने की घटनाएं दर्ज की गईं. कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण पाने के लिए सेना, पुलिस और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) की भारी तैनाती की गई है. कई क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों ने पेड़ गिराकर और बैरिकेड लगाकर हाईवे ब्लॉक कर दिए, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया. इसी बीच ढाका नगर निगम के आयुक्त शेख मोहम्मद सज्जात अली ने सख्त निर्देश जारी किया है कि आगजनी, बमबारी या सरकारी संपत्ति पर हमले की स्थिति में उपद्रवियों पर मौके पर ही गोली चलाने का आदेश है. भारत में सुरक्षित हैं शेख हसीना शेख हसीना पिछले वर्ष अगस्त से भारत में राजनीतिक शरण के तौर पर रह रही हैं. उनकी सुरक्षा व्यवस्था भारतीय एजेंसियों की निगरानी में है. हसीना के बेटे ने दावा किया कि भारत में उन्हें “एक राष्ट्राध्यक्ष” के समान सुरक्षा और सम्मान मिल रहा है. उन्होंने कहा, "हमें पता है कि फैसला क्या होगा. वे उन्हें दोषी ठहराएंगे, शायद मौत की सजा भी दें. लेकिन वे मेरी मां का क्या बिगाड़ सकते हैं? वह भारत में सुरक्षित हैं." |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
|
हां
|
|
|
नहीं
|
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|
|