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अमेरिका के किन ठिकानों पर हमला करेगा ईरान, सामने आई लिस्ट!
जनता जनार्दन ,
Jun 22, 2025, 12:02 pm IST
Keywords: Iran and Israel War अमेरिका ईरान और इजरायल
![]() अब तक जो टकराव केवल ईरान और इजरायल के बीच सीमित था, उसमें अब अमेरिका की सक्रिय भागीदारी ने हालात को और विस्फोटक बना दिया है. अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ईरान और अमेरिका के बीच टकराव एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई और देश की ताकतवर रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने खुलकर चेतावनी दी है कि अब अमेरिका को ऐसे अंजाम भुगतने होंगे, जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की होगी. अब अमेरिका को भुगतना होगा ईरानी सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने अमेरिकी कार्रवाई के जवाब में तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा, अमेरिका को अब ऐसे नुकसान के लिए तैयार रहना चाहिए, जैसा उसने पहले कभी नहीं देखा. इस चेतावनी को और गंभीर बनाते हुए खामेनेई के करीबी माने जाने वाले केहान अख़बार के संपादक हुसैन शरियतमदारी ने संभावित ईरानी जवाबी हमलों के ठिकानों के नाम तक गिना दिए हैं. पहला निशाना अमेरिका की नौसेना और हॉर्मुज़ स्ट्रैट हुसैन शरियतमदारी ने लिखा अब वक्त है निर्णायक कार्रवाई का. हमारा पहला कदम होगा – बहरीन स्थित अमेरिकी नौसेनिक अड्डे पर मिसाइल हमला और दूसरा हॉर्मुज़ जलडमरूमध्य को अमेरिकी और यूरोपीय जहाजों के लिए पूरी तरह बंद करना. इन दोनों लक्ष्यों का चयन कोई साधारण फैसला नहीं है, बल्कि यह अमेरिका की सैन्य और आर्थिक शक्ति को सीधा चुनौती देने जैसा है. बहरीन में अमेरिकी बेस: एक अहम रणनीतिक केंद्र बहरीन की राजधानी मनामा में स्थित है अमेरिकी नौसेना की 5वीं फ्लीट, जो पूरे मध्य-पूर्व, फारस की खाड़ी, अरब सागर और लाल सागर में अमेरिकी संचालन को नियंत्रित करती है. यह अड्डा न केवल अमेरिका के लिए सामरिक रूप से अहम है, बल्कि वहां बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिक भी तैनात हैं. ऐसे में यदि ईरान इस पर हमला करता है, तो यह सीधा अमेरिकी सैन्य हितों और नागरिकों पर हमला माना जाएगा. हॉर्मुज़ स्ट्रेट: विश्व ऊर्जा आपूर्ति की नाड़ी हॉर्मुज़ जलडमरूमध्य दुनिया के सबसे अहम तेल मार्गों में से एक है, जहां से दुनिया का लगभग 20% तेल गुजरता है. यह जलमार्ग ईरान और ओमान के बीच स्थित है और इस पर अमेरिकी, ब्रिटिश, जर्मन और फ्रांसीसी नेवल शिप्स की लगातार निगरानी रहती है. अगर ईरान इस मार्ग को बंद करने में सफल होता है, तो वैश्विक तेल आपूर्ति बाधित हो सकती है. तेल कीमतों में भारी उछाल आ सकता है, और पूरी दुनिया को एक नया ऊर्जा संकट झेलना पड़ सकता है. ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने साफ कर दिया है कि अब अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के जहाज और सैनिक सीधे उनके टारगेट हैं. |
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