![]() |
ट्रंप का भारत को दिवाली गिफ्ट! दवा कंपनियों पर टैरिफ प्लान में किया बदलाव
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 09, 2025, 12:10 pm IST
Keywords: trump donald j trum trump america president india america war ट्रंप और टैरिफ नीति डोनाल्ड ट्रंप
![]() नई दिल्ली: दिवाली से पहले भारत के फार्मा सेक्टर के लिए एक अहम राहत भरी खबर सामने आई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी विवादास्पद टैरिफ नीति में अहम बदलाव करते हुए भारत से आयात होने वाली जेनेरिक दवाओं पर फिलहाल कोई आयात शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव और टैरिफ नीति को लेकर मतभेद चर्चा में थे. अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा दवा बाजार है, लेकिन वहां की एक बड़ी जरूरत भारत से आयात की जाने वाली सस्ती जेनेरिक दवाओं से पूरी होती है. IQVIA, एक वैश्विक हेल्थकेयर मार्केट रिसर्च कंपनी के अनुसार, अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली लगभग 47% जेनेरिक दवाएं भारत से आती हैं, और अगर कच्चे माल और अन्य दवाओं को जोड़ लिया जाए, तो भारत की हिस्सेदारी करीब 30% और बढ़ जाती है. भारत को 'विश्व का फार्मेसी हब' या 'दुनिया का दवाखाना' कहा जाता है, और अमेरिकी बाजार में इसकी भागीदारी इसकी गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धी मूल्य और उत्पादन क्षमता के चलते बनी हुई है. इसीलिए ट्रंप प्रशासन द्वारा जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ लगाने की चर्चा ने भारतीय फार्मा कंपनियों और निवेशकों को चिंता में डाल दिया था. टैरिफ लगाने की योजना क्यों बदली? ट्रंप प्रशासन का मकसद शुरू में यह था कि अमेरिका अपने घरेलू दवा उद्योग को बढ़ावा दे, और बाहरी देशों, खासकर भारत और चीन से दवा आयात पर शुल्क लगाकर घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाए. द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी वाणिज्य विभाग की ओर से दवाओं पर टैरिफ की संभावना की जांच की जा रही थी. इसमें जेनेरिक, नॉन-जेनेरिक और कच्चे माल — तीनों को संभावित शुल्क के दायरे में रखा गया था. लेकिन इस बीच यह भी समझा गया कि:
इन कारणों से ट्रंप प्रशासन के भीतर ही इस योजना को लेकर दो धड़े बन गए- एक पक्ष टैरिफ के समर्थन में, तो दूसरा इसके संभावित दुष्परिणामों को लेकर चिंतित. व्हाइट हाउस के भीतर मतभेद जानकारी के अनुसार, ट्रंप प्रशासन में इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट एकमत नहीं है:
ट्रंप और टैरिफ नीति: एक नजर
भारतीय संदर्भ में, ट्रंप ने पहले जीएसपी (Generalized System of Preferences) के तहत भारत को मिलने वाली विशेष टैरिफ छूट को समाप्त किया था, जिससे भारत-अमेरिका व्यापार रिश्तों में तनाव आ गया था. लेकिन दवाओं के मामले में अमेरिका की निर्भरता भारत पर काफी अधिक है, जिससे ट्रंप प्रशासन को प्रैक्टिकल कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा. भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर असर इस निर्णय से भारत और अमेरिका के बीच फार्मा सेक्टर में सहयोग को नया बल मिलेगा. यह फार्मा सेक्टर के लिए न सिर्फ राहत है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि ट्रंप प्रशासन भारत को एक जरूरी रणनीतिक साझेदार मानता है, खासकर स्वास्थ्य और दवा क्षेत्र में. भारत पहले ही COVID-19 महामारी के दौरान अमेरिका को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) और अन्य जरूरी दवाएं भेजने में प्रमुख सहयोगी रहा है. |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|