Friday, 26 December 2025  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

टैरिफ से लेकर सरकार गिराने की कोशिश तक, कई देशों में दखलंदाजी कर रहा अमेरिका

जनता जनार्दन संवाददाता , Dec 26, 2025, 11:20 am IST
Keywords: US Intervention   अमेरिका अंतरराष्ट्रीय राजनीति   america   वेनेजुएला  
फ़ॉन्ट साइज :
टैरिफ से लेकर सरकार गिराने की कोशिश तक, कई देशों में दखलंदाजी कर रहा अमेरिका

हाल के वर्षों में अमेरिका अंतरराष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते हुए कई देशों के चुनाव और सत्ता पर सीधे प्रभाव डालता नजर आया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने न केवल पसंदीदा नेताओं को सत्ता में लाने की कोशिश की, बल्कि उन सरकारों को बदलने के लिए सैन्य और आर्थिक शक्ति का भी उपयोग किया.

इसके लिए अमेरिका ने कई तरह की रणनीतियाँ अपनाई. कभी वॉरशिप तैनात करके दबाव बनाया गया, तो कभी भारी टैरिफ और आर्थिक प्रतिबंधों से अपने इरादे साफ किए गए. आइए जानते हैं कुछ प्रमुख उदाहरण:

वेनेजुएला – सत्ता बदलने के लिए सैन्य दबाव

वेनेजुएला में ट्रंप लंबे समय से राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को हटाने की कोशिश कर रहे हैं. 2019 में उन्होंने विपक्षी नेता जुआन गुआइदो को अंतरिम राष्ट्रपति मानते हुए उनके समर्थन में कदम उठाए.

हाल ही में ट्रंप ने मादुरो पर अमेरिका में ड्रग्स भेजने का आरोप लगाकर वेनेजुएला के पास अमेरिकी युद्धपोत तैनात किए. इसके साथ ही CIA को कार्रवाई की मंजूरी दी गई और अमेरिकी सेना वेनेजुएला के तेल टैंकर जब्त कर रही है. यह स्पष्ट संकेत है कि अमेरिका किसी भी देश में अपने राजनीतिक हितों के लिए सैन्य और आर्थिक दबाव डालने से पीछे नहीं हटता.

ब्राजील – टैरिफ और आर्थिक दबाव

ब्राजील में ट्रंप ने अपने करीबी पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थन में देश की वर्तमान सरकार पर 50% टैरिफ लगाया. यह किसी भी देश पर अमेरिका द्वारा लगाया गया अब तक का सबसे बड़ा टैरिफ था.

साथ ही अमेरिका ने ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के जज अलेक्जांद्रे द मोराइस पर वीजा और आर्थिक प्रतिबंध लगाए. इसका उद्देश्य स्पष्ट था – अगर बोल्सोनारो के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई, तो अमेरिका तुरंत दबाव बना सकता है.

होंडुरास – पसंदीदा उम्मीदवार को जीताने की कोशिश

सेंट्रल अमेरिका के देश होंडुरास में 30 नवंबर 2025 को राष्ट्रपति चुनाव हुए. ट्रंप ने खुले तौर पर नसरी असफुरा का समर्थन किया और चेतावनी दी कि अगर उनका उम्मीदवार नहीं जीता, तो अमेरिका से मिलने वाली आर्थिक मदद पर असर पड़ेगा.

चुनाव नतीजे बेहद करीबी रहे और मतगणना में देरी और तकनीकी गड़बड़ियों के आरोप लगे. असफुरा को विजेता घोषित किया गया, हालांकि विपक्ष ने नतीजे मानने से इनकार किया. चुनाव के दौरान ही ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जुआन ओरलांडो हर्नांडेज की सजा माफ कर दी, जो असफुरा की पार्टी से जुड़े रहे. इसे अमेरिका की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना गया.

अर्जेंटीना – धमकी और आर्थिक दबाव

अर्जेंटीना में 26 अक्टूबर 2025 को संसदीय चुनाव से पहले ट्रंप ने राष्ट्रपति जेवियर मिलेई को चेतावनी दी कि अगर उनकी पार्टी हारती है, तो अमेरिका सख्ती करेगा. इस बयान से देश में बाजार में घबराहट और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी. आखिरकार चुनाव में मिलेई की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. इस पूरे मामले को भी ट्रंप के दबाव से जोड़ा गया.

म्यांमार – चीन के सामने अमेरिका की चुनौती

म्यांमार में 2020 में नोबेल विजेता आंग सान सू की की सरकार आई थी, लेकिन 2021 में तख्तापलट हो गया. अब 28 दिसंबर से चुनाव होने हैं, लेकिन देश के आधे से ज्यादा हिस्सों में वोटिंग ही संभव नहीं होगी.

यहाँ अमेरिका को चीन की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. चीन ने वोटर लिस्ट, तकनीक और पर्यवेक्षक भेजकर सैन्य तानाशाह जनरल मिन आंग ह्लाइंग की सरकार को वैध दिखाने की कोशिश की. चीन के लिए म्यांमार का भौगोलिक महत्व भी बड़ा है, क्योंकि यह हिंद महासागर तक पहुंच और कई बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट का रास्ता है.

अन्य अंतरराष्ट्रीय लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल