|
टैरिफ 50% से घटाकर 15% करो, रूसी तेल खरीद पर पेनाल्टी हटाओ, भारत ने अमेरिका को अपना फाइनल ऑफर भेजा
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 25, 2025, 11:24 am IST
Keywords: america india america tarrif india news भारत और अमेरिका व्यापार वार्ता
भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में नई मोड़ आया है. भारत ने अमेरिका को अपना फाइनल ऑफर भेजा है, जिसमें उसने मांग की है कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए कुल 50% टैरिफ को घटाकर 15% किया जाए, साथ ही रूस से कच्चा तेल खरीदने पर जो अतिरिक्त 25% पेनाल्टी लगाई गई है, उसे पूरी तरह हटाया जाए. यह प्रस्ताव दोनों देशों के बीच जारी द्विपक्षीय व्यापार वार्ता (BTA) का हिस्सा है. इस प्रस्ताव का मकसद भारत के व्यापार को बढ़ावा देना और तेल आयात पर अतिरिक्त बोझ हटाना है. यदि अमेरिका इस प्रस्ताव को मान लेता है, तो भारतीय वस्तुएं अमेरिका में सस्ती होंगी, भारतीय कंपनियों के लिए नए ऑर्डर और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, और डॉलर का प्रवाह भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा. साथ ही, रूस से तेल खरीदना आसान होगा, जिससे पेट्रोल और डीज़ल के दाम नियंत्रित रहेंगे. अमेरिका और भारत के बीच बातचीत का दौर हाल ही में दिल्ली में दोनों देशों की व्यापार टीमों के बीच बैठक हुई. यह बातचीत मुख्य रूप से दो मुद्दों पर केंद्रित रही:
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि फ्रेमवर्क समझौते पर सहमति जल्दी बन सकती है, लेकिन इस पर कोई तय समयसीमा नहीं दी गई है. अधिकारी बताते हैं कि 2025 के अंत तक इस समझौते को पूरा करना मुश्किल होगा, इसलिए अब उम्मीद है कि जनवरी में इसे अंतिम रूप दिया जा सके. भारत का प्रस्ताव मानता है तो क्या होगा?
अगर अमेरिका प्रस्ताव नहीं मानता है तो असर
50% टैरिफ और रूस पर पेनाल्टी का कारण अमेरिका ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया है. इसमें से 25% टैरिफ ‘रेसिप्रोकल’ यानी ‘जैसे को तैसा’ के आधार पर लगाया गया और बाकी 25% रूस से तेल खरीदने के कारण है. अमेरिका का कहना है कि रूस से तेल खरीदने से यूक्रेन युद्ध में मदद मिल रही है. भारत इस पेनाल्टी को गलत मान रहा है और इसे हटाने की मांग कर रहा है. रूसी तेल का आयात घटा भारत के रूस से तेल आयात में हाल ही में गिरावट आई है. नवंबर 2025 में भारत ने रूस से करीब 17.7 लाख बैरल प्रति दिन तेल आयात किया था, जो दिसंबर में घटकर लगभग 12 लाख बैरल प्रति दिन रह गया. आने वाले समय में यह 10 लाख बैरल प्रति दिन से भी कम हो सकता है. यूक्रेन युद्ध के बाद भारत रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार बन गया था, जिससे ट्रम्प प्रशासन ने कई बार सवाल उठाए. अमेरिकी अधिकारियों का आरोप था कि भारत रूस से तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन पर हो रहे हमलों को फंड कर रहा है. |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
|
हां
|
|
|
नहीं
|
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|
|