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भारत में अचानक कैंसल हो रहीं रिन्यूअल अपॉइंटमेंट्स

जनता जनार्दन संवाददाता , Dec 21, 2025, 11:34 am IST
Keywords: America H1-B Visa   अमेरिका   रिन्यूअल अपॉइंटमेंट्स  
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भारत में अचानक कैंसल हो रहीं रिन्यूअल अपॉइंटमेंट्स

अमेरिका में काम कर रहे भारतीय प्रोफेशनल्स के सामने एक बार फिर अनिश्चितता का दौर खड़ा हो गया है. H-1B वीज़ा रिन्यूअल की प्रक्रिया में अचानक आए बदलावों ने हजारों लोगों की योजनाओं को झकझोर कर रख दिया है. जिन लोगों ने पहले से इंटरव्यू अपॉइंटमेंट लेकर भारत की यात्रा की थी, उनकी तय तारीखें बिना किसी पूर्व सूचना के रद्द कर दी गई हैं. अब कई आवेदकों को महीनों बाद की नई तारीखें दी जा रही हैं, जिससे उनका करियर, पारिवारिक जिम्मेदारियां और भविष्य की प्लानिंग बुरी तरह प्रभावित हो रही है.


मिली जानकारी के अनुसार, दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में जिन H-1B वीज़ा इंटरव्यू की तारीखें तय थीं, उन्हें अमेरिकी प्रशासन ने स्थगित कर दिया है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि अमेरिका ने वीज़ा प्रक्रिया में सख्ती बढ़ाते हुए बैकग्राउंड चेक और सोशल मीडिया वेरिफिकेशन को पहले से कहीं ज्यादा विस्तृत बना दिया है. इसी कारण 15 दिसंबर के बाद भारत में निर्धारित लगभग सभी H-1B वीज़ा इंटरव्यू रोक दिए गए.  अमेरिकी दूतावास की ओर से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि जिन आवेदकों को नई तारीख अलॉट की गई है, वे पुरानी अपॉइंटमेंट डेट पर दूतावास न पहुंचें. ऐसा करने पर उन्हें एंट्री तक नहीं दी जाएगी. कई मामलों में नई इंटरव्यू तारीखें 2026 तक खिसक गई हैं, जो लोगों के लिए बेहद चिंताजनक स्थिति पैदा कर रही हैं.

भारत आ चुके प्रोफेशनल्स सबसे ज्यादा परेशान

इस फैसले का सबसे गहरा असर उन भारतीय प्रोफेशनल्स पर पड़ा है, जो पहले ही वीज़ा इंटरव्यू के लिए भारत आ चुके थे. चूंकि उनके पास वैध H-1B वीज़ा स्टैंप नहीं है, वे अमेरिका वापस नहीं लौट पा रहे हैं. इससे न सिर्फ उनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि अमेरिकी कंपनियों को भी प्रोजेक्ट डिले और वर्कफोर्स की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि समस्या केवल H-1B वीज़ा तक सीमित नहीं है. नए नियमों के चलते अन्य वीज़ा कैटेगरी के इंटरव्यू भी टाले जा रहे हैं. हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कुल कितने लोग इस फैसले से प्रभावित हुए हैं.

कर्मचारियों के साथ कंपनियां भी संकट में

इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मौजूदा हालात में वीज़ा स्टैंपिंग की प्रक्रिया बेहद अनिश्चित हो गई है. ह्यूस्टन की इमिग्रेशन वकील एमिली न्यूमैन ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि बिना किसी पूर्व चेतावनी अपॉइंटमेंट कैंसिल होना कर्मचारियों और कंपनियों—दोनों के लिए बड़ी परेशानी है. उनके मुताबिक, इस पूरी प्रक्रिया में अब न तो पारदर्शिता रह गई है और न ही भरोसा.

गौर करने वाली बात यह भी है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन पहले से ही H-1B वीज़ा प्रोग्राम को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है. सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच और H-1B वीज़ा फीस में भारी बढ़ोतरी जैसे कदम उसी नीति की कड़ी माने जा रहे हैं. ऐसे में भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए अमेरिका में काम करना पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है.

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