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कश्मीर का डॉक्टर उमर ही दिल्ली कार ब्लास्ट था मास्टरमाइंड, DNA रिपोर्ट से हुई पहचान

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 13, 2025, 11:24 am IST
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कश्मीर का डॉक्टर उमर ही दिल्ली कार ब्लास्ट था मास्टरमाइंड, DNA रिपोर्ट से हुई पहचान

दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए भीषण कार बम धमाके के पीछे का रहस्य अब उजागर हो गया है. जांच एजेंसियों ने डीएनए जांच के ज़रिए पुष्टि की है कि इस हमले को कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर उन नबी ने अंजाम दिया था. धमाके में उमर की मौके पर ही मौत हो गई थी.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अनुसार, विस्फोट में इस्तेमाल की गई सफेद हुंडई i20 कार डॉ. उमर ने घटना से करीब दस दिन पहले खरीदी थी. धमाके के बाद उसके शरीर के अवशेष कार के पास से बरामद किए गए थे, लेकिन पहचान संभव नहीं हो सकी थी. पुलवामा में स्थित उसके घर से लिए गए डीएनए सैंपल की जांच में यह स्पष्ट हो गया कि वही शख्स इस हमले के पीछे था.

‘डॉक्टर मॉड्यूल’ का पर्दाफाश

जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि उमर किसी अकेले गिरोह का हिस्सा नहीं था, बल्कि वह जैश-ए-मोहम्मद के एक लॉजिस्टिक मॉड्यूल से जुड़ा था. इस मॉड्यूल में कुल 9 से 10 सदस्य थे, जिनमें से 5 से 6 मेडिकल प्रोफेशनल बताए जा रहे हैं.

ये सभी डॉक्टर अपनी पेशेवर पहचान का इस्तेमाल कर रासायनिक पदार्थ और विस्फोटक सामग्री हासिल करते थे. एजेंसियों के अनुसार, यह मॉड्यूल फरीदाबाद, लखनऊ और दक्षिण कश्मीर में सक्रिय था.

धमाके से पहले की बड़ी जब्ती

दिल्ली धमाके से ठीक एक दिन पहले, यानी 9 नवंबर को, फरीदाबाद के एक गोदाम से पुलिस ने लगभग 2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था. माना जा रहा है कि यही सामग्री हमले में इस्तेमाल की जानी थी. जब्त किए जाने के तुरंत बाद से ही डॉ. उमर लापता हो गया था.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, उसने अपने पांच मोबाइल फोन बंद कर दिए थे और 30 अक्टूबर से अपनी यूनिवर्सिटी की ड्यूटी पर नहीं गया था.

तुर्की से मिल रहे थे निर्देश

जांच में यह भी सामने आया है कि उमर और उसके साथी डॉक्टर मुजम्मिल अहमद तुर्की गए थे. वहाँ से उन्हें जैश-ए-मोहम्मद के विदेशी हैंडलरों से निर्देश मिल रहे थे.
दोनों डॉक्टरों के पासपोर्ट में तुर्की यात्रा के प्रमाण मिले हैं, और टेलीग्राम ग्रुप्स के ज़रिए उन्हें कट्टरपंथी सामग्री भेजी जा रही थी. एजेंसियों का मानना है कि इसी के जरिए उन्हें भारत में आतंकी हमले की योजना बनाने के लिए उकसाया गया.

दिवाली पर बड़ा हमला टला

सूत्रों का कहना है कि यह मॉड्यूल दिवाली के दौरान दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में एक साथ धमाके करने की योजना बना रहा था. हालांकि, पुलिस की समय पर कार्रवाई और फरीदाबाद में हुए छापों से यह साजिश नाकाम हो गई. अधिकारियों के मुताबिक, इस मॉड्यूल का मकसद मुंबई 26/11 जैसे हमले को दोहराना था.

कई गिरफ्तारियां, छापेमारी जारी

इस आतंकी नेटवर्क से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनमें फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद का नाम सबसे अहम बताया जा रहा है, जो कथित तौर पर जैश की महिला इकाई “जमात-उल-मोमिनीन” से जुड़ी थी.

इसके अलावा डॉ. मुजम्मिल अहमद और डॉ. तजमुल अहमद मलिक से पूछताछ चल रही है. दक्षिण कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी कार्यकर्ताओं के ठिकानों पर भी लगातार छापेमारी हो रही है.

परिवार सदमे में

पुलवामा के कोईल गांव में उमर के परिवार वाले अभी भी अविश्वास में हैं. एक रिश्तेदार ने कहा, “वह बहुत शांत और पढ़ाकू था. किसी से ज़्यादा बात नहीं करता था. हमें यकीन नहीं होता कि वो ऐसा कुछ कर सकता है.”

हालांकि, जांच एजेंसियों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में उमर का व्यवहार काफी बदल गया था और वह बार-बार दिल्ली और फरीदाबाद आता-जाता रहता था.

सीसीटीवी से मिला सुराग

सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि 10 नवंबर को दोपहर करीब तीन बजे उमर ने अपनी कार पुरानी दिल्ली की एक मस्जिद के पास पार्क की थी. शाम के समय वह लाल क़िले की ओर बढ़ा, जिसके बाद 6:15 बजे के करीब ज़बरदस्त धमाका हुआ. इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज़्यादा घायल हुए.

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