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दिल्ली कार ब्लास्ट था आत्मघाती हमला, NIA ने पहली बार किया स्वीकार

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 17, 2025, 11:10 am IST
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दिल्ली कार ब्लास्ट था आत्मघाती हमला, NIA ने पहली बार किया स्वीकार

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर को लालकिले के सामने हुए बम धमाके को अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आधिकारिक तौर पर आत्मघाती हमला माना है. इस मामले में रविवार को एनआईए ने एक बड़ी गिरफ्तारी की, जिससे पता चला कि धमाका किसी जल्दबाजी में किया गया ब्लास्ट नहीं बल्कि सुनियोजित आतंकवादी साजिश का हिस्सा था. गिरफ्तार आरोपी का नाम आमिर राशिद अली है और वह जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के पंपोर का रहने वाला है.

एनआईए के अनुसार, आमिर राशिद अली का धमाके में शामिल सुसाइड बॉम्बर डॉक्टर उमर नबी के साथ पुराना संबंध था. दोनों पिछले छह महीनों से संपर्क में थे और धमाके की योजना के दौरान लगातार बातचीत कर रहे थे. गिरफ्तार आरोपी ने कश्मीर से दिल्ली आकर डॉक्टर उमर को कार मुहैया कराई, जिसमें विस्फोटक लगाया गया था.

एनआईए का बयान: यह आत्मघाती हमला था

एनआईए ने अपने बयान में साफ किया कि लालकिले धमाका अब तक का पहला आधिकारिक तौर पर आत्मघाती हमला माना गया है. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 नवंबर को कहा था कि धमाका सुरक्षा एजेंसियों की छापेमारी से घबराए आरोपी द्वारा किया गया एक जल्दबाजी वाला ब्लास्ट था.

लेकिन एनआईए की ताजा पुष्टि के अनुसार, यह किसी अप्रत्याशित घटना या दबाव में किया गया विस्फोट नहीं था. बल्कि यह पूर्व नियोजित और साजिश के तहत किया गया आतंकी हमला था, जिससे देश में आतंक फैलाने का उद्देश्य रखा गया था.

आरोपी आमिर राशिद अली का कनेक्शन

एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि आमिर राशिद अली पुलवामा जिले के पंपोर का रहने वाला है. वह प्लंबर का काम करता था और सुसाइड बॉम्बर डॉक्टर उमर नबी के साथ धमाके की योजना बनाने में सीधे शामिल था. जांच में पता चला कि आमिर ने दिल्ली में इस्तेमाल हुई कार और विस्फोटक की व्यवस्था की. कार में वैकल-बॉर्न आईईडी (Vehicle-Borne Improvised Explosive Device) लगाया गया था.

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, आमिर ने डॉक्टर उमर के साथ अक्टूबर से लगातार संपर्क में रहकर धमाके की तारीख फाइनल की. जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद में आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, तब उमर नबी वहां से भाग निकला और अपने साथी आमिर से संपर्क किया. इसके बाद 10 नवंबर को लालकिला को धमाके के लिए चुना गया.

लालकिले को चुना गया अंतिम स्थल

जांच एजेंसियों के मुताबिक, लालकिला को धमाके के लिए इसलिए चुना गया ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका संदेश पहुंच सके. धमाके का मकसद सिर्फ दिल्ली या भारत तक सीमित नहीं था, बल्कि आतंकवादियों की योजनाओं और संगठन की क्षमता का प्रदर्शन करना था.

एनआईए अब इस मामले में उन “हैंडलरों” तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने कथित तौर पर इस आतंकवादी साजिश को निर्देशित किया. एजेंसी का ध्यान इस नेटवर्क की पूरी तह तक पहुंचने पर है, जिसमें विदेश से जुड़े संदिग्ध भी शामिल हैं.

जांच और पूछताछ का सिलसिला जारी

एनआईए ने अब तक इस मामले में 150 से अधिक लोगों से पूछताछ की है, जिनमें 73 को अहम गवाह माना गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आमिर राशिद अली के फोन और लोकेशन डेटा से कई संदिग्धों तक पहुंच बनाई जा रही है. इसके अलावा, सुसाइड बॉम्बर उमर नबी भी पुलवामा का रहने वाला था और फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत था.

गिरफ्तार आरोपी आमिर से उमर नबी से संबंधित एक वाहन भी जब्त किया गया है, जिसकी जांच जारी है. एनआईए ने बताया कि आरोपी के नेटवर्क की पूरी पड़ताल की जा रही है और दिल्ली-एनसीआर और कश्मीर में संदिग्धों की पहचान के लिए कई और छापेमारी की गई है.

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