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मुझे जमीन पर पकड़कर फेंका, इमरान खान की बहनों के साथ पुलिसकर्मियों ने की पिटाई

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 19, 2025, 12:54 pm IST
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मुझे जमीन पर पकड़कर फेंका, इमरान खान की बहनों के साथ पुलिसकर्मियों ने की पिटाई

रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर मंगलवार देर रात ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने पूरे पाकिस्तान की राजनीति को हिला दिया. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तीनों बहनें अलीमा, उजमा और नौरीन अपने भाई से मिलने जेल पहुंची थीं, लेकिन वहां जिस तरह उनके साथ पुलिस ने व्यवहार किया, उसने पूरे घटनाक्रम को विवादों के केंद्र में ला दिया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियोज़ में तीनों महिलाएं सहमी और थरथराती नजर आ रही हैं, जबकि पुलिस उन्हें जबरन वहां से हटाती दिखाई देती है.

पीटीआई के मुताबिक, जेल प्रशासन ने इमरान खान की बहनों को मुलाकात की अनुमति नहीं दी. इजाज़त न मिलने पर वे जेल के बाहर शांतिपूर्वक बैठ गईं. कुछ ही देर बाद पुलिस ने अचानक कार्रवाई शुरू कर दी. नौरीन खान ने खुद बताया कि एक महिला पुलिस अधिकारी ने उन्हें पकड़कर जमीन पर पटक दिया और फिर हाथ-पैर खींचकर घसीटा. उनका कहना था कि वह समझ भी नहीं पा रहीं थीं कि अचानक उनके साथ ऐसा क्यों किया गया. उन्होंने कहा,“एक भारीभरकम पुलिसवाली आई और बिना किसी बात के मुझे धक्का दिया, बाल पकड़े और घसीटती हुई ले गई. समझ नहीं आया कि हमसे ऐसा अपराध क्या हुआ था.”

सड़क पर घसीटने की घटना से दहली बहनें

घटना के दौरान मौजूद अलीमा और उजमा खान भी बुरी तरह डर गईं. वीडियो क्लिप्स में वे नौरीन को संभालने की कोशिश करती दिखती हैं, जबकि पुलिस उन्हें हटाने की कोशिश कर रही होती है. पीटीआई ने आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई जानबूझकर की गई ताकि इमरान खान के परिवार को दबाव में लाया जा सके.

पीटीआई का आरोप: “हिंसा की गई, शांतिपूर्ण विरोध मिटाया गया”

पार्टी ने रात में ही एक बयान जारी कर कहा कि पुलिस ने अलीमा, उजमा और नौरीन को “हिंसक तरीके से हिरासत में” लिया. यहां तक कि जिस जगह वे बैठी थीं, वहां पानी छोड़ दिया गया और लाइटें बंद कर दी गईं ताकि माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो जाए. पीटीआई का कहना है कि कार्यकर्ता और महिलाएं शांतिपूर्वक बैठी थीं, लेकिन फिर भी उन पर बल प्रयोग किया गया. वीडियो में कई महिला कार्यकर्ताओं को भी पुलिस द्वारा उठाते हुए देखा जा सकता है.

“इमरान से मिलने का अधिकार भी छीन लिया गया”

पार्टी ने सवाल उठाया कि एक कैदी को अपने परिवार से मिलने का अधिकार कैसे रोका जा सकता है? उनका आरोप है कि पंजाब सरकार इस अधिकार को हथियार बनाकर इमरान के रिश्तेदारों और समर्थकों को प्रताड़ित कर रही है. केपी सरकार की मंत्री मीना खान अफरीदी और एमएनए शाहिद खट्टक भी उस समय मौजूद थे और पीटीआई के अनुसार उन्हें भी धक्कामुक्की का सामना करना पड़ा.

सियासी हलकों में नाराज़गी, आरिफ अल्वी का बयान

घटना सामने आने के बाद पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पीटीआई नेता आरिफ अल्वी ने इसे शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा,“ये आज के पाकिस्तान की तस्वीर है, जहां महिलाओं की इज्ज़त सुरक्षित नहीं. इन बहनों का कसूर सिर्फ इतना था कि वे अपने भाई से मिलने आई थीं.”

इमरान खान पर बढ़ता दबाव, परिवार पर बढ़ती मुश्किलें

अदियाला जेल में इमरान खान एकांत कारावास में हैं, और उनके समर्थकों का कहना है कि सरकार उन पर लगातार मानसिक और राजनीतिक दबाव बना रही है. बहनों के साथ हुई घटना ने सरकार के व्यवहार पर और सवाल खड़े कर दिए हैं.

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