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जम्मू-कश्मीर में फिर एक्टिव हुए आतंकी, भारत के खिलाफ पाकिस्तान की बड़ी साजिश

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 22, 2025, 10:55 am IST
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जम्मू-कश्मीर में फिर एक्टिव हुए आतंकी, भारत के खिलाफ पाकिस्तान की बड़ी साजिश केंद्र की खुफिया एजेंसियों ने राज्य में एक बड़ा अलर्ट जारी किया है. एजेंसियों को सूचना मिली है कि पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी समूह सर्दियों की शुरुआत से पहले बड़े पैमाने पर सक्रिय हो सकते हैं. रिपोर्टों में कहा गया है कि आतंकवादी मूविंग व्हीकल IED का इस्तेमाल कर आम नागरिक और सुरक्षा बलों को निशाना बना सकते हैं. अधिकारियों के अनुसार, यह खतरा दिल्ली-स्टाइल सुसाइड बम हमलों के रूप में भी सामने आ सकता है.

खुफिया जानकारी के मुताबिक, हालिया सैन्य अभियान जैसे पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बावजूद राज्य में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या बढ़कर 131 हो गई है. इनमें 122 पाकिस्तानी मूल के आतंकी हैं और केवल 9 स्थानीय हैं. कश्मीर घाटी में स्थानीय आतंकियों की संख्या केवल तीन है, जबकि बाकी जम्मू क्षेत्र की चिनाब घाटी और पीर पंजाल में सक्रिय हैं.

पहले की तुलना में बढ़ा आतंकियों का ग्रुप

अप्रैल 2025 में पहलगाम हमले से पहले जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 59 पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय थे. इनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के 21-21 सदस्य शामिल थे, तीन हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन के, और 14 अन्य छोटे समूहों से जुड़े थे.

हालांकि सुरक्षा बलों के ऑपरेशन और “ज़ीरो टेरर” नीति के बावजूद, पाकिस्तानी समर्थित समूहों ने घुसपैठ जारी रखी. इनमें TRF और PAFF जैसे प्रॉक्सी ग्रुप्स भी शामिल हैं, जो भारतीय इलाके में लड़ाकों की तैनाती में सक्रिय हैं.

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "हमने घाटी में OGW नेटवर्क को काफी हद तक खत्म कर दिया है, लेकिन नई अनजान भर्ती और विदेशी आतंकवादियों की सक्रियता ने नई चुनौती पेश की है."

सुरक्षा बलों के आंकड़े और एनकाउंटर

पिछले वर्षों में सुरक्षा बलों की सक्रियता के परिणामस्वरूप 2024 में 61 और 2023 में 60 आतंकवादी मारे गए. इनमें से 45 आतंकवादी राज्य के भीतर और 16 सीमा क्षेत्रों में मारे गए. वहीं इस दौरान 21 पाकिस्तानी नागरिक, 28 आम नागरिक और 16 सुरक्षा बलों के जवान भी हताहत हुए.

सुरक्षा बलों की एंटी-टेरर स्ट्रेटेजी और बेहतर ऑपरेशन ने स्थानीय समर्थन को कम किया था. यह कदम आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा था. लेकिन हाल की घटनाओं जैसे लाल किला कार बम ब्लास्ट और व्हाइट कॉलर जैश मॉड्यूल का भंडाफोड़ ने सुरक्षा समीकरण को बदल दिया है.

नया व्हाइट कॉलर जैश मॉड्यूल

पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुरक्षा बलों ने 12 शीर्ष आतंकवादियों को खत्म किया, जिनमें छह पाकिस्तानी और छह स्थानीय थे. लेकिन अब जम्मू-कश्मीर को एक नए आतंकवादी ग्रुप का सामना है.

सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार यह समूह आम लोगों में गहराई तक घुल-मिल गया है और राज्य की प्रणाली में जड़ें जमा सकता है. इस समूह की सटीक ताकत और संरचना को अभी तक एजेंसियों द्वारा पूरी तरह नहीं समझा जा सका है.

दिल्ली ब्लास्ट के बाद J&K, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले इस नए मॉड्यूल पर कार्रवाई की जा रही है. हालांकि, खुफिया एजेंसियां अभी भी इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाई हैं कि यह नया व्हाइट कॉलर जैश नेटवर्क कितने बड़े स्तर पर सक्रिय है.

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