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ऑपरेशन सिंदूर से अब तक खौफ में पाकिस्तान, 72 आतंकी लॉन्चपैड बॉर्डर से हटाए

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 30, 2025, 12:32 pm IST
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ऑपरेशन सिंदूर से अब तक खौफ में पाकिस्तान, 72 आतंकी लॉन्चपैड बॉर्डर से हटाए भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के असर पाकिस्तान में अब भी बेहद स्पष्ट हैं. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की ताज़ा जानकारी के अनुसार पाकिस्तान ने सीमा के आसपास सक्रिय अपने अधिकतर आतंकी लॉन्चपैडों को हटाकर दूर-दराज़ के इलाकों में शिफ्ट कर दिया है. मई 2025 में चली भारतीय सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान अपने आतंक नेटवर्क को बचाने के लिए नए ठिकानों की तलाश में है.

सीमा से दूर भेजे गए आतंकी लॉन्चपैड

जम्मू फ्रंटियर में आयोजित प्रेस वार्ता में बीएसएफ के उपमहानिरीक्षक विक्रम कुंवर ने बताया कि सीमा पर भारतीय सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को मजबूर होकर कई लॉन्चपैड हटाने पड़े. उनके अनुसार सियालकोट और जफरवाल क्षेत्रों के अंदर लगभग दर्जनभर नए ठिकाने बनाए गए हैं, जबकि पाकिस्तानी सीमा के भीतर के अन्य इलाकों में करीब साठ लॉन्चपैड सक्रिय रखे गए हैं. इन स्थानों को इस तरह चुना गया है कि भारतीय सेंसर और निगरानी से बचा जा सके.

DIG कुंवर ने बताया कि ये लॉन्चपैड स्थायी ढांचे नहीं होते, बल्कि घुसपैठ से पहले आतंकियों को रखने के लिए अस्थायी ठिकाने के रूप में उपयोग किए जाते हैं. इन पर आतंकियों की संख्या समय-समय पर बदलती रहती है और पाकिस्तान इन्हें जरूरत के हिसाब से सक्रिय करता है.

पहलगाम नरसंहार के बाद भारतीय कार्रवाई

बीएसएफ अधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन में यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर, अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए नरसंहार की प्रतिक्रिया के रूप में शुरू किया गया था. इस हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी. इसके बाद भारतीय बलों ने सीमा पर मौजूद पाकिस्तान समर्थित ढांचों को निशाना बनाना शुरू किया था. ऑपरेशन के दौरान कई पाकिस्तानी चौकियाँ, निगरानी प्रणाली और आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए गए, जिसके चलते पाकिस्तान को अपने नेटवर्क को पूरी तरह बदलना पड़ा.

आतंकी संगठनों की रणनीति में बदलाव

DIG कुंवर ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में सक्रिय प्रमुख आतंकी गुटों के काम करने का तरीका भी बदल गया है. पहले निचले इलाकों में जैश-ए-मोहम्मद अपना ढांचा संभालता था, जबकि ऊपरी क्षेत्रों में लश्कर-ए-तैयबा के कैंप सक्रिय थे. अब दोनों संगठनों ने संयुक्त समूह बनाकर प्रशिक्षण और संचालन शुरू कर दिया है ताकि भारतीय निगरानी के बीच भी गतिविधियों को जारी रखा जा सके.

बीएसएफ ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के लिए तैयार

जम्मू फ्रंटियर के IG शशांक आनंद ने स्पष्ट किया कि बीएसएफ किसी भी नई कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ को 1965 और 1971 के युद्ध, कारगिल संघर्ष और पिछले कई अभियानों का अनुभव है. ऐसे में चाहे पारंपरिक युद्ध की स्थिति बने या हाइब्रिड, बीएसएफ सरकार के हर निर्देश का पालन करने में सक्षम है. उन्होंने यह भी बताया कि मई 2025 में भारतीय बलों ने जम्मू क्षेत्र में 118 पाकिस्तानी पोस्टों को तबाह किया था, जिससे पाकिस्तान की निगरानी क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई.

सीमा पर बीएसएफ की चौकसी बरकरार

बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान को भारतीय कार्रवाई से उबरने में काफी समय लगा. कई स्थानों पर पाकिस्तान ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की कोशिश की है, लेकिन उसकी हर गतिविधि भारतीय निगरानी के दायरे में है. फिलहाल सीमा पर किसी तरह की असामान्य हलचल नहीं दिख रही है, फिर भी बीएसएफ परिस्थितियों के आधार पर अपनी रणनीति में लगातार बदलाव कर रहा है. अधिकारियों ने बताया कि मौका मिलते ही भारत अपनी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने में देर नहीं करेगा.

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