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अमेरिका के सामने ईरान ने तानी अपनी बंदूक, कहा- बातचीत तभी होगी जब
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jul 13, 2025, 7:25 am IST
Keywords: अमेरिका तेहरान वाशिंगटन परमाणु
![]() तेहरान और वाशिंगटन के बीच परमाणु समझौते को फिर से पटरी पर लाने की चर्चा एक बार फिर ताजा हो गई है, लेकिन इस बार ईरान ने स्पष्ट रूप से अपने रुख को कड़ा किया है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराजची ने कहा है कि अब किसी भी तरह की बातचीत केवल तभी संभव होगी जब सुरक्षा गारंटी दी जाएगी. उनका कहना था कि युद्ध में तब्दील होती बातचीत की प्रक्रिया से उनका देश अब जरा भी समझौता नहीं करेगा. लेकिन सवाल यह है कि क्या इजरायल और अमेरिका इस शर्त को मानेंगे? ईरान की नई शर्त और संघर्ष की बढ़ती गंभीरता अरागची का यह बयान ऐसे समय आया है जब ईरान को इजरायल और अमेरिका द्वारा लगातार हमलों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले कुछ हफ्तों में, ईरान के कई न्यूक्लियर और मिलिट्री ठिकाने इजरायल और अमेरिका के हवाई हमलों में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. इन हमलों के बाद, ईरान का कहना है कि अब बातचीत की प्रक्रिया और भी जटिल हो गई है. अरागची ने यह भी कहा कि अगर अमेरिका और अन्य देश वार्ता की प्रक्रिया में शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें यह गारंटी देनी होगी कि इस तरह के हमले फिर से नहीं होंगे. IAEA से सहयोग का निलंबन ईरान ने इन हमलों के बाद, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से अपना सहयोग भी निलंबित कर दिया है. साथ ही, उन्होंने एजेंसी के निरीक्षकों को ईरान से बाहर कर दिया है. अरागची ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब ईरान इस एजेंसी से अनुरोधों का जवाब केस-बाय-केस आधार पर देगा, और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को देखते हुए ही वह प्रतिक्रिया करेगा. उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के हमलों ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को इतना नुकसान पहुंचाया है कि अब इन स्थानों में रेडियोएक्टिव लीक और बम विस्फोट का गंभीर खतरा है, जो न सिर्फ ईरान, बल्कि पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा जोखिम बन सकता है. ईरान की परमाणु संप्रभुता और अमेरिका का रुख ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी हमलों ने उनके परमाणु ठिकानों को इतना नुकसान पहुँचाया है कि अब तक इन क्षेत्रों में पहुंचकर स्थिति का सही आकलन करना भी असंभव हो गया है. अमेरिका और इजरायल बार-बार आरोप लगाते रहे हैं कि ईरान परमाणु हथियारों के बहुत करीब पहुंच चुका है, लेकिन ईरान ने हमेशा अपनी परमाणु गतिविधियों को अपनी संप्रभुता का हिस्सा माना है. उनका कहना है कि यूरेनियम संवर्धन उनके अधिकार में है और यह वह अपनी ज़मीन पर जारी रखेंगे. |
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