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रूस-यूक्रेन पीस प्लान नहीं माने जेलेंस्की तो क्या करेगा अमेरिका?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 23, 2025, 10:43 am IST
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रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पेश किया गया 28-प्वाइंट पीस प्लान अब अंतरराष्ट्रीय राजनीति का सबसे चर्चित विषय बन गया है. इस प्रस्ताव पर दुनिया भर में प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह जंग वाकई खत्म होने की ओर बढ़ सकती है? ट्रंप ने इस प्लान पर चर्चा के बीच यह साफ कर दिया है कि यह उनका “अंतिम प्रस्ताव” नहीं है. यानी वे बदलावों या नए सुझावों के लिए दरवाजे खुले रखने को तैयार हैं. उनके हालिया बयान ने कूटनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है. “नॉट माई फाइनल ऑफर”: ट्रंप का बड़ा संकेत शनिवार को मीडिया से बातचीत में जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या यूक्रेन के लिए पेश किया गया उनका प्रस्ताव अंतिम है—तो उन्होंने साफ कहा, “नॉट माई फाइनल ऑफर”.ट्रंप के 28-सूत्रीय प्रस्ताव में यूक्रेन से कुछ क्षेत्रों को छोड़ने, सेना में कटौती करने और नाटो में शामिल न होने जैसी शर्तें रखी गई हैं. लेकिन उनके इस नए बयान से संकेत मिलता है कि वह प्लान में लचीलापन या कुछ संशोधन पर विचार कर सकते हैं. ट्रंप ने कहा कि उनकी प्राथमिकता सिर्फ एक है—“यह लड़ाई किसी तरह खत्म होनी ही चाहिए.” रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप का रुख ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच यह युद्ध बहुत पहले रोक दिया जाना चाहिए था.उन्होंने दोहराया,“हम शांति चाहते हैं. किसी न किसी तरीके से यह लड़ाई खत्म होनी ही चाहिए.”हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस प्रस्ताव पर ठंडी प्रतिक्रिया दी है और संकेत दिया है कि वे अपने विकल्प भी सामने रखेंगे. पुतिन की प्रतिक्रिया: बातचीत को तैयार, लेकिन शर्तें साफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वह ट्रंप के प्रस्ताव पर चर्चा करने को तैयार हैं.लेकिन उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कीव ने इस योजना को खारिज किया तो रूस फरवरी 2022 में शुरू किए गए अपने सैन्य अभियान को आगे बढ़ाता रहेगा.पुतिन का बयान साफ संकेत देता है कि मॉस्को यूक्रेन पर दबाव कम करने के मूड में नहीं है. 27 नवंबर की तारीख और ट्रंप का “लचीला अल्टीमेटम” शुक्रवार को ट्रंप ने कहा था कि 27 नवंबर थैंक्सगिविंग के दिन जेलेंस्की के लिए फैसला लेने की “उपयुक्त तारीख” है.लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तारीख में ‘‘लचीलापन’’ भी हो सकता है.ट्रंप ने कहा, “अगर उन्हें यह पसंद नहीं है, तो उन्हें लड़ाई जारी रखनी होगी. किसी समय, उन्हें किसी न किसी बात को स्वीकार करना पड़ेगा.” जिनेवा में होने वाली अहम बैठक एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के अनुसार,अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ रविवार को जिनेवा पहुंचेंगे, जहां इस शांति योजना पर महत्वपूर्ण चर्चा होगी.यूरोपीय अधिकारियों के भी इस बातचीत में शामिल होने की उम्मीद है.जिनेवा बैठक को रूस-यूक्रेन युद्ध के भविष्य पर असर डालने वाली संभावित कूटनीतिक शुरुआत माना जा रहा है. |
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