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अब इस बड़ी कंपनी ने पाकिस्तान से समेटा कारोबार, क्या है कारण?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 05, 2025, 11:46 am IST
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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार गिरावट की ओर बढ़ रही है. हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और मित्र देशों से मिली वित्तीय मदद भी हालात को संभाल नहीं पा रही है. ऊपर से एक के बाद एक वैश्विक कंपनियों का देश से पलायन, पाकिस्तान की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. अब इस कड़ी में उपभोक्ता उत्पादों की दिग्गज कंपनी प्रॉक्टर एंड गैम्बल (P&G) ने भी पाकिस्तान से अपने सभी परिचालन समेटने का फैसला कर लिया है. यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब पाकिस्तान के नेता खुद को वैश्विक मंचों पर स्थापित करने में जुटे हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर इस बात को लेकर खासे संतुष्ट नजर आ रहे हैं कि अब वे विश्व नेताओं की मेजबानी कर पा रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ देश की आर्थिक जड़ें लगातार कमजोर होती जा रही हैं. विदेशी कंपनियों के पलायन की लंबी होती सूची शेल, फाइज़र, टोटलएनर्जीज़ और टेलीनॉर जैसी बड़ी कंपनियों के बाद अब P&G का पाकिस्तान से बाहर निकलना न केवल एक और झटका है, बल्कि इसके दूरगामी नतीजे हो सकते हैं. 1991 में पाकिस्तान में प्रवेश करने वाली इस कंपनी ने पैम्पर्स, एरियल, पैंटीन, सेफगार्ड और जिलेट जैसे ब्रांड्स के ज़रिए दशकों तक घरेलू बाज़ार में अपनी मज़बूत पकड़ बनाई थी. कंपनी ने 1994 और 2010 में स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना के ज़रिए निवेश भी बढ़ाया था, लेकिन अब यह सब खत्म होने जा रहा है. अब बस सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी बचेगी? विदेश नीति और रणनीतिक मामलों के जानकार सुशांत सरीन ने इस मुद्दे पर कड़ा तंज कसा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “जहां पाकिस्तान खुद को ग्लोबल मंच पर चमकता हुआ देखने की कोशिश कर रहा है, वहां उसकी असली तस्वीर यह है कि अब अर्थव्यवस्था इतनी बदहाल हो चुकी है कि शायद देशवासियों के पास अब सिर्फ चौकीदारी और सुरक्षा गार्ड की नौकरियां ही बचेंगी.” उनका यह कटाक्ष उन जमीनी सच्चाइयों की ओर इशारा करता है, जिन पर शायद पाकिस्तान की हुकूमत अब भी आंख मूंदे बैठी है. स्थानीय उद्योगों की बढ़ती चिंता P&G के इस फैसले से सिर्फ अंतरराष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि देश के स्थानीय उद्योग भी सकते में आ गए हैं. जिलेट पाकिस्तान के पूर्व सीईओ साद अमानुल्ला खान ने कहा कि इस तरह की घटनाएं सरकार के लिए चेतावनी की तरह हैं. उन्होंने साफ तौर पर बिजली की ऊंची लागत, कमजोर बुनियादी ढांचे और नियामकीय दबाव को विदेशी निवेशकों के पलायन की मुख्य वजह बताया. उनके मुताबिक, "अगर सरकार अब भी नहीं चेती तो आने वाले वक्त में इससे भी बड़े ब्रांड पाकिस्तान से अपना बोरिया-बिस्तर समेट लेंगे." 7,000 नौकरियों पर संकट P&G ने न सिर्फ पाकिस्तान से बाहर निकलने का फैसला किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर पुनर्गठन की प्रक्रिया के तहत कंपनी ने करीब 7,000 नौकरियों में कटौती की घोषणा भी कर दी है. इसका सीधा असर पाकिस्तान में कंपनी की स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग और कॉमर्शियल गतिविधियों पर पड़ेगा, जहां सैकड़ों कर्मचारी पहले से ही कार्यरत हैं. हालांकि कंपनी ने यह जरूर कहा है कि वह क्षेत्रीय चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान में अपने उत्पादों की उपलब्धता बनाए रखेगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि रोजगार और निवेश के लिहाज़ से कोई राहत मिलने वाली है. संकट की ओर बढ़ते कदम पाकिस्तान में आर्थिक अस्थिरता, उपभोक्ताओं की घटती क्रय शक्ति, बढ़ती लागत और निरंतर राजनीतिक अनिश्चितता ने वैश्विक कंपनियों के लिए वहां का माहौल बेहद कठिन बना दिया है. P&G की विदाई इस बात का स्पष्ट संकेत है कि अगर ढांचागत सुधार नहीं किए गए तो पाकिस्तान और भी गंभीर आर्थिक संकट की ओर बढ़ सकता है. |
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