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नेपाल को मिल गया नया PM, सुशीला कार्की के नाम पर बनी सहमति
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 12, 2025, 10:22 am IST
Keywords: Nepali Congress President Deuba Communications Minister Nepal PM KP Sharma Oli सुशीला कार्की
नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. देश की सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की जल्द ही नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं. राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल उनके शपथ ग्रहण की तैयारी कर रहे हैं. यह सिर्फ एक संवैधानिक नियुक्ति नहीं, बल्कि नेपाल के लोकतंत्र के इतिहास में महिला नेतृत्व की एक नई शुरुआत है. हालांकि कार्की पारंपरिक राजनीति से नहीं आतीं, लेकिन बीते वर्षों में उन्होंने सरकार विरोधी आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाकर खुद को एक जननेता के रूप में स्थापित किया है. मुख्य न्यायाधीश रहते हुए उन्होंने कई भ्रष्टाचार विरोधी फैसले सुनाए, जिससे वे खासतौर पर युवा पीढ़ी (Gen Z) के बीच लोकप्रिय हो गईं. काठमांडू के मेयर और प्रधानमंत्री पद के एक और दावेदार बालेन शाह ने भी खुलकर कार्की का समर्थन किया था, जबकि कुलमान घिसिंग, जो नेपाल विद्युत प्राधिकरण के प्रमुख रह चुके हैं, अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए रेस में थे. एक साहसी न्यायपालिका का नेतृत्व सुशीला कार्की, जिनकी उम्र अब 73 वर्ष है, नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं. उनका जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर में हुआ था. उन्होंने 11 जुलाई 2016 को सुप्रीम कोर्ट की कमान संभाली, लेकिन उनका कार्यकाल बहुत लंबा नहीं रहा. 30 अप्रैल 2017 को उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया — जो कि नेपाली कांग्रेस और माओवादी सेंटर की ओर से था. इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया. यह घटना भले ही उनके करियर में झटका थी, लेकिन इससे उनके संघर्षशील व्यक्तित्व की पहचान और मजबूत हुई. शिक्षा और संघर्ष का प्रेरणादायक सफर कार्की अपने माता-पिता की सात संतानों में सबसे बड़ी हैं. उन्होंने 1972 में बिराटनगर के महेंद्र मोरंग कैंपस से स्नातक किया. इसके बाद भारत की बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से 1975 में राजनीति विज्ञान में मास्टर्स किया. 1978 में उन्होंने त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की और फिर 1979 से विधिक पेशे में सक्रिय हो गईं. उन्होंने कानूनी क्षेत्र में अपनी एक स्वतंत्र, बेबाक और निष्पक्ष पहचान बनाई. भारत के साथ रिश्तों पर सकारात्मक दृष्टिकोण एक ताज़ा इंटरव्यू में सुशीला कार्की ने भारत और नेपाल के संबंधों को लेकर खुलकर सकारात्मक राय रखी. BHU में बिताए दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे आज भी मेरे प्रोफेसर, गंगा नदी और गर्मियों की रातों में हॉस्टल की छत पर सोना याद है. वह समय मेरे जीवन का अमूल्य हिस्सा है.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, “मैं उन्हें नमस्कार करती हूं. मेरे मन में उनके लिए सम्मान है. भारत और नेपाल के बीच आधिकारिक संवाद जरूर सीमित रहा है, लेकिन लोगों के बीच रिश्ते बेहद घनिष्ठ हैं. हम एक-दूसरे को भाई-बहन मानते हैं.” उन्होंने यह भी बताया कि बिराटनगर स्थित उनका पैतृक घर भारत की सीमा से केवल 25 मील दूर है और वह अक्सर सीमा बाजार जाया करती हैं. भारत-नेपाल संबंधों के लिए शुभ संकेत कार्की का भारत को लेकर उदार और सौहार्दपूर्ण नजरिया यह संकेत देता है कि नेपाल की अगली सरकार भारत के साथ मित्रवत और सहयोगी रवैया अपनाएगी. उनके नेतृत्व में दोनों देशों के बीच भरोसे की नई नींव रखी जा सकती है. |
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