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योगी सरकार का फैसला, सियार और लोमड़ी के हमलों से मौत पर मिलेगा 4 लाख मुआवजा
जनता जनार्दन ,
Jun 19, 2025, 17:14 pm IST
Keywords: उत्तर प्रदेश सरकार UP News मानव-वन्यजीव संघर्ष
![]() उत्तर प्रदेश सरकार ने वन्यजीवों के हमलों से होने वाली जनहानि को लेकर एक अहम फैसला लिया है. अब राज्य में लोमड़ी और सियार के हमले से मौत को भी राज्य आपदा घोषित किया गया है. इस फैसले के बाद, इन हमलों में मारे गए व्यक्ति के परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. यह निर्णय मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारी समिति की सिफारिश पर लिया गया है. राज्य आपदा की सूची में 11 वन्यजीव शामिल इस नई घोषणा के बाद राज्य आपदा की श्रेणी में कुल 11 वन्यजीव शामिल हो गए हैं. इससे पहले मगरमच्छ, हाथी, गैंडा, बाघ, शेर, तेंदुआ, भेड़िया, लकड़बग्घा और जंगली सुअर के हमलों से हुई मौतों पर मुआवजा दिया जाता था. ये सभी जीव श्रेणी-1 में आते थे. वहीं अब लोमड़ी और सियार को श्रेणी-2 में रखा गया है. मधुमक्खियों के हमले और इमारत गिरने से हुई जनहानि को अभी राज्य आपदा की सूची में शामिल नहीं किया गया है. शासन ने इस मामले में वन विभाग से सलाह लेने का निर्देश दिया है कि क्या मधुमक्खी को वन्यजीव माना जा सकता है. यदि वन विभाग इस पर सकारात्मक रिपोर्ट देता है, तो भविष्य में मधुमक्खियों के हमलों को भी राज्य आपदा घोषित किए जाने पर विचार किया जाएगा. सरकार कब देगी मुआवजा? यह मुआवजा केवल तभी दिया जाएगा जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ तौर पर यह पुष्टि हो कि व्यक्ति की मौत लोमड़ी या सियार के हमले के कारण हुई है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि मुआवजा सही परिवार को समय पर पहुंचे. मानव-वन्यजीव संघर्ष का सशक्त समाधान यह कदम मानव-वन्यजीव संघर्ष को गंभीरता से लेने का संकेत है. उत्तर प्रदेश सरकार इस दिशा में लगातार प्रयासरत है ताकि जंगल और मानव बस्तियों के बीच संतुलन बना रहे और पीड़ित परिवारों को उचित राहत मिल सके. इस प्रकार, राज्य सरकार की यह नई नीति वन्यजीवों के हमलों से प्रभावित परिवारों के लिए एक राहत भरी खबर है. आने वाले समय में इस सूची में और भी बदलाव हो सकते हैं, जिससे पीड़ितों को और बेहतर संरक्षण व मदद मिल सके. |
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