49,000 करोड़ की ठगी का मास्टरमाइंड नटवरलाल गिरफ्तार

जनता जनार्दन संवाददाता , Jul 12, 2025, 12:20 pm IST
Keywords: उत्तर प्रदेश सरकार   UP News   मानव-वन्यजीव संघर्ष    इकोनॉमिक ऑफेंस विंग  
फ़ॉन्ट साइज :
49,000 करोड़ की ठगी का मास्टरमाइंड नटवरलाल गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पर्ल्स एग्रो-टेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) के डायरेक्टर गुरनाम सिंह को पंजाब के रूपनगर जिले से गिरफ्तार किया है. यह घोटाला निवेशकों से जमीन में निवेश के नाम पर 49,000 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का है, और इसे अब तक के सबसे बड़े घोटालों में से एक माना जा रहा है. गुरनाम सिंह पर आरोप है कि उन्होंने करीब 5 करोड़ लोगों से इस घोटाले के तहत पैसे जुटाए. आइए जानते हैं इस घोटाले की पूरी कहानी, इसके विभिन्न पहलुओं और अब तक की कार्रवाई के बारे में.

क्या है PACL घोटाला?

PACL, जिसे पहले गुरुवंत एग्रो-टेक के नाम से जाना जाता था, 1996 में जयपुर में शुरू हुआ था. इस कंपनी ने 1996 से लेकर 2011 तक बिना किसी जरूरी अनुमति के लोगों से पैसे जुटाए. 2011 में इसका नाम बदलकर PACL रखा गया, और फिर यह कंपनी बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिनियम के तहत जरूरी NBFC रजिस्ट्रेशन के बगैर लोगों से पैसा इकट्ठा करने लगी. इस दौरान कंपनी ने यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश, और कई अन्य राज्यों में अपनी शाखाएं खोलीं और निवेशकों को जमीन खरीदने के नाम पर मोटे रिटर्न का झांसा दिया.

गुरनाम सिंह की गिरफ्तारी और EOW की कार्रवाई

EOW के अधिकारियों के मुताबिक, गुरनाम सिंह पर आरोप है कि उन्होंने PACL के नाम से चलाए गए इस पोंजी स्कीम के माध्यम से उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में लोगों को धोखा दिया. इस घोटाले में कई लोग शामिल थे, और यह लगभग 49,000 करोड़ रुपये की रकम को इकट्ठा करने में सफल रहा. जब यह मामला सुर्खियों में आया, तब PACL के खिलाफ CBI और ED ने भी जांच शुरू की थी. EOW ने इस घोटाले को लेकर कानपुर के EOW थाने में मामला दर्ज किया और गुरनाम सिंह को गिरफ्तार किया.

कैसे काम करती थी PACL की पोंजी स्कीम?

PACL ने अपना धंधा शुरू किया था निवेशकों को झांसा देने के लिए. कंपनी ने किस्तों और फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम के नाम पर निवेशकों से पैसे इकट्ठा किए. लेकिन बदले में इन निवेशकों को केवल बांड की रसीदें दी जाती थीं, और उन्हें न तो जमीन मिली, न ही वह वादा किए गए रिटर्न. जब कंपनी का असली चेहरा सामने आया, तो यह साफ हो गया कि यह एक पोंजी स्कीम थी, जिसमें पहले आए निवेशकों के पैसों से नए निवेशकों को भुगतान किया जा रहा था. कंपनी ने कई सेमिनार भी आयोजित किए थे, जहां लोगों को मोटे रिटर्न का लालच देकर उन्हें इस घोटाले में फंसाया गया.

ED और CBI की जांच

प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पहले ही PACL के खिलाफ अलग-अलग जांच शुरू की थी. ED ने हाल ही में दिल्ली की PMLA कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें यह खुलासा हुआ कि निवेशकों का पैसा शेल कंपनियों और सहायक फर्मों के जरिए घुमाया गया था. इसके अलावा, PACL के फाउंडर निर्मल सिंह भंगू (जो अब दिवंगत हो चुके हैं) के रिश्तेदारों ने भी इस घोटाले में हिस्सा लिया. ED ने एक आरोपी हर्षितिंदर पाल सिंह को भी गिरफ्तार किया, जो इस घोटाले के पैसे से संपत्ति खरीदने में शामिल था.

कितने लोग हुए प्रभावित?

EOW के अधिकारियों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में इस घोटाले से करीब 50 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. PACL ने देशभर के कई राज्यों जैसे असम, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, और केरल में भी निवेशकों को लूटा. इस घोटाले के सामने आने के बाद निवेशकों के लिए न्याय की उम्मीदें जागी हैं, और अब EOW और अन्य एजेंसियां बाकी आरोपियों को पकड़ने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने में जुटी हैं.

आगे की कार्रवाई और उम्मीदें

अब जब गुरनाम सिंह गिरफ्तार हो गए हैं, तो EOW की टीम बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है. इसके अलावा, निवेशकों को उनके फंसे हुए पैसे वापस दिलाने के लिए भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है. ईडी और सीबीआई भी अपनी जांच को तेज़ कर चुके हैं, और उम्मीद है कि जल्द ही बाकी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे.

अन्य राज्य लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल