बिहार चुनाव के लिए NDA का गेमप्लान फाइनल, इस फॉमूले से होगा सीटों का बंटवारा

जनता जनार्दन संवाददाता , Jun 07, 2025, 16:46 pm IST
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बिहार चुनाव के लिए NDA का गेमप्लान फाइनल, इस फॉमूले से होगा सीटों का बंटवारा

बिहार की सियासत एक बार फिर गरमाने लगी है. जैसे-जैसे 2025 का विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहा है, वैसे-वैसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में रणनीति तैयार करने की कवायद तेज़ हो गई है. लोकसभा चुनाव के ठीक बाद अब पूरा फोकस बिहार की सत्ता पर कब्ज़ा जमाने पर है. एनडीए के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत शुरू हो चुकी है और सूत्रों की मानें तो पहले दौर की बातचीत पटना में पूरी हो चुकी है. अब जल्द ही इसका अगला चरण दिल्ली में होगा, जहां शीर्ष नेतृत्व अंतिम रूप देगा.

सूत्रों के अनुसार, एनडीए इस बार भी लोकसभा चुनाव के सीट फॉर्मूले को आधार बनाकर विधानसभा सीटों का बंटवारा करने की तैयारी में है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 17, जेडीयू ने 16, एलजेपी (रामविलास) ने 5, और हम व राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने 1-1 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उसी तालमेल को बरकरार रखते हुए विधानसभा सीटों का समीकरण गढ़ा जा रहा है.

सीट बंटवारे का संभावित फॉर्मूला

बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से जेडीयू को 102-103 और बीजेपी को 101-102 सीटें दी जा सकती हैं. बाकी की लगभग 40 सीटें अन्य सहयोगी दलों—लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के खाते में जा सकती हैं. इनमें एलजेपी को सबसे ज़्यादा हिस्सेदारी मिलने की संभावना है, जो कि 25-28 सीटों तक हो सकती है. जबकि 'हम' को 6-7 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4-5 सीटें मिल सकती हैं.

समझदारी से होगा टिकट वितरण

इस बार एनडीए सहयोगी दलों ने एक बड़ी रणनीति पर सहमति जताई है. जातीय समीकरणों, स्थानीय जनाधार और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. कोशिश यह भी रहेगी कि एक ही जिले में एक जाति विशेष के कई उम्मीदवार एनडीए की तरफ से न खड़े किए जाएं, ताकि वोटों का बंटवारा न हो. यह संतुलन एनडीए को सामाजिक और राजनीतिक तौर पर मजबूत बना सकता है.

नीतीश कुमार ही होंगे NDA का चेहरा

बीजेपी के सूत्रों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 2025 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे. पीएम मोदी और नीतीश कुमार के नाम और उनके किए कार्यों के आधार पर प्रचार अभियान चलाया जाएगा. विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर उठाए जा रहे सवालों को बीजेपी ने खारिज करते हुए कहा है कि उनकी लोकप्रियता और साख अडिग है और चुनाव में इसका फायदा मिलेगा.

इतिहास भी नीतीश के पक्ष में

एनडीए और खासकर बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन नया नहीं है. 2010 में जेडीयू ने 141 और बीजेपी ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था. 2015 में नीतीश अलग होकर आरजेडी के साथ गए और दोनों ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा. 2020 में जब वे फिर एनडीए में लौटे, तब जेडीयू ने 115 और बीजेपी ने 110 सीटों पर दांव लगाया. उस वक्त विकासशील इंसान पार्टी और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा भी गठबंधन में थे, जिन्हें क्रमशः 11 और 7 सीटें दी गई थीं.

विधानसभा में एलजेपी की वापसी

2020 में एलजेपी (रामविलास) ने अकेले चुनाव लड़ते हुए 134 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, पर सिर्फ एक सीट जीत सके. इस बार एलजेपी फिर से एनडीए का हिस्सा है और चिराग पासवान को केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के बाद उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है. हालांकि सीटें मिलने के बाद किसे कहाँ से उतारना है, इसका अधिकार पार्टी को ही रहेगा. पर मुख्यमंत्री का चेहरा सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार ही होंगे—इस पर पूरा एनडीए एकमत है.

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