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जीरो विजिबिलिटी और घने कोहरे में भी कैसे उड़ता है विमान

जनता जनार्दन संवाददाता , Dec 20, 2025, 11:35 am IST
Keywords: उत्तर भारत   कैट-3   CAT-III   news   जीरो विजिबिलिटी  
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जीरो विजिबिलिटी और घने कोहरे में भी कैसे उड़ता है विमान

उत्तर भारत की सर्द सुबहें अक्सर कोहरे की मोटी चादर लेकर आती हैं. हाल ही में दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी इसी सफेद अंधेरे की चपेट में रहा. आधी रात के बाद इतना घना कोहरा छा गया कि हवाई यातायात लगभग ठहर सा गया. करीब 160 उड़ानों पर असर पड़ा, कई विमानों को रद्द करना पड़ा और कई घंटों तक रनवे खाली ही रहा. सुबह सूरज निकलने के बावजूद विजिबिलिटी में कोई खास सुधार नहीं हुआ और घरेलू के साथ-साथ कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी जमीन पर ही खड़ी रहीं.

ऐसे हालात में अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि जब सामने कुछ भी दिखाई नहीं देता, तब विमान आखिर सुरक्षित तरीके से रनवे पर उतर कैसे जाता है?

कोहरे में लैंडिंग: जादू नहीं, तकनीक का कमाल

घने कोहरे में जब सड़क पर चलना भी जोखिम भरा लगने लगता है, तब हजारों फीट की ऊंचाई से उड़ता विमान जमीन तक पहुंचता है. यह किसी चमत्कार का नतीजा नहीं, बल्कि अत्याधुनिक एविएशन तकनीक और पायलटों के प्रशिक्षण का परिणाम है.

इस पूरी प्रक्रिया की रीढ़ है कैट-3 (CAT-III) लैंडिंग सिस्टम, जिसे खासतौर पर बेहद कम विजिबिलिटी में सुरक्षित लैंडिंग के लिए विकसित किया गया है. यही तकनीक पायलट को उस समय मदद करती है, जब आंखों से रनवे देख पाना नामुमकिन हो जाता है.

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