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क्या अमेरिका पर हमला करने की हिम्मत करेगा ईरान?

जनता जनार्दन , Jun 22, 2025, 11:57 am IST
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क्या अमेरिका पर हमला करने की हिम्मत करेगा ईरान?

पश्चिमी एशिया में हालात बेहद नाजुक हो गए हैं. अमेरिका ने ईरान के तीन बड़े और संवेदनशील परमाणु केंद्रों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर हवाई हमले कर उन्हें गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है. इस कदम के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव भड़क गया है और एक बड़े भू-राजनीतिक संकट की आशंका गहराने लगी है.

इस हमले के बाद ईरान में प्रतिक्रिया बेहद तीखी रही. देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई के करीबी माने जाने वाले और ईरान के कट्टरपंथी अखबार 'कायहान' के संपादक हुसैन शरीअतमदारी ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर कहा कि ईरान को अब "बिना किसी देरी के" अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए.

शरीअतमदारी ने अपने बयान में कहा, "सबसे पहले हमें बहरीन में स्थित अमेरिकी नौसेना के अड्डे पर मिसाइल हमले करने चाहिए और साथ ही होर्मुज जलडमरूमध्य को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए." गौरतलब है कि होर्मुज जलडमरूमध्य को वैश्विक तेल आपूर्ति का प्रमुख मार्ग माना जाता है. ऐसे में यदि यह मार्ग बाधित होता है तो दुनिया भर में ऊर्जा संकट गहरा सकता है.

अमेरिका की रणनीति और प्रतिक्रिया

इस पूरे घटनाक्रम के बीच अमेरिका का रुख अपेक्षाकृत संयमित दिखाई दे रहा है. पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रूबिन ने ANI को दिए एक बयान में कहा कि अमेरिका इस संकट को पूर्ण युद्ध में बदलना नहीं चाहता.

उन्होंने कहा कि, "संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय देश और संभवतः डोनाल्ड ट्रंप भी ईरान को पीछे हटने के लिए कोई कूटनीतिक अवसर दे सकते हैं. अमेरिका की मंशा ईरान की सत्ता को उखाड़ फेंकना नहीं है." हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करता है, तो ट्रंप प्रशासन "पूरी ताकत" से पलटवार करने को तैयार है.

इज़रायल का अलग नजरिया

रूबिन के अनुसार, जहां अमेरिका स्थायित्व और सत्ता हस्तांतरण के पक्ष में है, वहीं इज़रायल खामेनेई के शासन को समाप्त करने और सत्ता परिवर्तन की नीति अपना सकता है. यह रणनीतिक भिन्नता अमेरिका और इज़रायल के रुख को स्पष्ट रूप से अलग करती है.

यमन से भी आई धमकी

उधर, ईरान समर्थित हूती विद्रोही भी मैदान में उतर आए हैं. हूती राजनीतिक ब्यूरो के एक सदस्य हिजाम अल-असद ने अमेरिकी हमले के लिए सीधे तौर पर डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया और सोशल मीडिया पर लिखा कि "ट्रंप को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे." हूती नियंत्रित बलों ने यह भी कहा है कि वे लाल सागर में अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों को निशाना बनाने के लिए तैयार हैं.

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