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हमास के 35 ठिकानों पर इजरायल का हमला, नेतन्याहू ने गाजा का धुआं-धुआं कर दिया
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jul 13, 2025, 7:22 am IST
Keywords: हमास गाजा नेतन्याहू सीजफायर hamas ganja
![]() संघर्ष विराम के लिए मुख्य विवाद एक फिलिस्तीनी सूत्र के अनुसार, इजरायल गाजा के कई हिस्सों में अपने सैनिकों को तैनात रखने की योजना बना रहा है, जो 60 दिन के संघर्ष विराम में सबसे बड़ी बाधा बन गई है. इस दौरान इजरायली सेना ने 35 हमास ठिकानों को निशाना बनाने के बाद हमास पर आरोप लगाया है कि वे जानबूझकर समझौते को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं और कोई लचीलापन नहीं दिखा रहे हैं. इजरायल की सेना का कहना है कि गाजा के उत्तरी हिस्से में स्थित बैत हनून में पिछले एक घंटे के भीतर 35 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया गया है, जिसमें अंडरग्राउंड सुरंगें भी शामिल हैं. इन हमलों का उद्देश्य आतंकियों की गतिविधियों को नियंत्रित करना है. हमास का विरोध: इजरायल की सैन्य मौजूदगी पर आपत्ति सूत्रों के मुताबिक, इजरायल गाजा क्षेत्र के लगभग 40% हिस्से में अपनी सैन्य मौजूदगी बनाए रखना चाहता है. यह कदम कई विस्थापित फिलिस्तीनियों के लिए संकट की स्थिति पैदा कर सकता है, खासकर रफा जैसे सीमित इलाकों में फंसे लोगों के लिए. हमास का मानना है कि इस तरह के नक्शे गाजा पर इजरायल के कब्जे को वैध ठहराने की कोशिश हैं. गाजा में जारी बमबारी और मौतों का आंकड़ा बातचीत के बावजूद गाजा में बमबारी रुकने का नाम नहीं ले रही. गाजा सिटी के निवासी बासम हमदान ने बताया, "हम सो रहे थे कि अचानक धमाका हुआ और हमारी मां और तीन बच्चों के शव बिखरे हुए थे." इसी दौरान दक्षिणी गाजा से घायलों को गधों या कंधों पर उठाकर अस्पताल लाया गया. इजरायली सेना का दावा है कि उसने 48 घंटों में 250 से अधिक आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है. वहीं, हमास द्वारा नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 57,882 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. बंधकों की रिहाई और संघर्ष विराम की उम्मीद अब तक 2023 और 2024 के संघर्षविराम में 105 इजरायली बंधकों की रिहाई हो चुकी थी, लेकिन फिलहाल 49 बंधक हमास के कब्जे में हैं, जिनमें से 27 की मौत की पुष्टि हो चुकी है. अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने कतर पहुंचने तक संघर्ष विराम की संभावना जताई थी. ईरान में इजरायली जेट की तकनीकी खामी: आपात लैंडिंग की स्थिति पिछले महीने इजरायल और ईरान के बीच 12 दिन तक युद्ध चला था, इस दौरान इजरायल वायुसेना को एक खतरनाक तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा. एक एफ-15 लड़ाकू विमान के फ्यूल टैंक में खराबी आ गई थी, जबकि वह ईरान की सीमा के अंदर काफी दूर जा चुका था. इसके चलते विमान को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ सकती थी. हालांकि, इजरायल ने इस स्थिति से निपटने के लिए तुरंत एक रीफ्यूलिंग विमान भेजने की योजना बनाई थी और वैकल्पिक रूप से किसी पड़ोसी देश में आपातकालीन लैंडिंग का भी प्रबंध किया गया. सौभाग्यवश, समय पर ईंधन विमान पहुंच गया और स्थिति को संभाल लिया गया. |
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