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परमाणु ठिकानों पर किया हमला तो भड़का ईरान

जनता जनार्दन , Jun 22, 2025, 12:05 pm IST
Keywords: Iran and Israel War   ईरान और अमेरिका   खतरनाक मोड़   
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परमाणु ठिकानों पर किया हमला तो भड़का ईरान

ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव एक और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. अमेरिकी हमले के बाद ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने अमेरिका की कड़ी निंदा करते हुए उसे अंतरराष्ट्रीय कानून, यूएन चार्टर और एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) का गंभीर उल्लंघनकर्ता करार दिया है. अराघची का बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं, जिससे पश्चिम एशिया में अस्थिरता और बढ़ गई है.

'अमेरिका का व्यवहार आपराधिक और खतरनाक'

अराघची ने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर दिए गए एक पोस्ट में कहा, आज सुबह की घटनाएं बेहद अपमानजनक हैं. अमेरिका ने शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला कर एक आपराधिक कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि वाशिंगटन का यह कदम संयुक्त राष्ट्र के हर सदस्य देश के लिए गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की नींव को चुनौती देता है.

ईरान को है आत्मरक्षा का अधिकार

अराघची ने आगे स्पष्ट किया कि ईरान किसी भी खतरे से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत आत्मरक्षा का पूरा अधिकार रखता है. उन्होंने कहा हम अपनी संप्रभुता, राष्ट्रीय हितों और नागरिकों की रक्षा के लिए सभी वैध विकल्प सुरक्षित रखते हैं. यह हमला बेवजह और पूर्वनियोजित था, जिसका जवाब दिया जाएगा.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की मांग

ईरान ने इस हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने इस हमले को “घृणित और अवैध बल प्रयोग” बताते हुए कहा कि अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूएन को इस हमले पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.

तीन बड़े परमाणु ठिकानों पर अमेरिका का निशाना

इस पूरे विवाद की जड़ हैं तीन प्रमुख ईरानी परमाणु ठिकाने—फोर्डो, नतांज और इस्फहान, जिन्हें अमेरिका ने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स के ज़रिए निशाना बनाया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम इस्राइल पर ईरान के हालिया हमलों के जवाब में उठाया गया.

अब क्या होगा आगे?

ईरान और अमेरिका के बीच यह टकराव अब एक नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है. एक ओर अमेरिका इस कदम को एक रणनीतिक आवश्यकता बता रहा है, वहीं ईरान इसे सीधा हमला और युद्ध का निमंत्रण मान रहा है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर वैश्विक प्रतिक्रिया और डिप्लोमैटिक दबाव अहम भूमिका निभा सकते हैं.

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