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PM मोदी और RSS चीफ मोहन भागवत ने राम मंदिर के शिखर पर फहराया ध्वज
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 25, 2025, 16:33 pm IST
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अयोध्या की पवित्र धरती एक बार फिर ऐसे क्षण का गवाह बनी, जिसकी तपस्या सदियों से की जा रही थी. रामलला के दरबार में आज जो दृश्य दिखाई दिया, वह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि 500 वर्षों के संघर्ष, आस्था और विश्वास की पराकाष्ठा था. जैसे ही भगवान राम के मंदिर के शिखर पर पवित्र ध्वज फहराया गया, पूरा माहौल दिव्यता से भर उठा और भक्तों की आंखें नम हो गईं. इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर के गर्भगृह में जाकर रामलला के दर्शन किए और विशेष पूजा-अर्चना संपन्न की. इसके बाद दोनों ने मिलकर मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराया, जिसे मंदिर निर्माण पूर्ण होने का प्रतीक माना गया है. यह ध्वज 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा है, जिसका समकोण त्रिभुजाकार आकार भगवान श्रीराम के तेज, पराक्रम और धर्म की अनंत शक्ति को दर्शाता है. ध्वज फहरते ही गूंज उठा अयोध्या, सीएम योगी ने कहा—‘यह भारत का गौरव क्षण’ जैसे ही ध्वज ने मंदिर की ऊंचाई को छूकर आसमान में लहराना शुरू किया, पूरा शहर ‘जय श्री राम’ के नारों से गूंज उठा. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे हर भारतीय के लिए गर्व का पल बताया. उन्होंने कहा कि अयोध्या कभी उपेक्षा और बदहाली से जूझती थी, लेकिन आज यह दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक पुनर्जागरण का केंद्र बन चुकी है. योगी ने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनका संकल्प और नेतृत्व ही इस ऐतिहासिक क्षण का आधार बना. मोहन भागवत ने कहा—‘आज रामराज्य की आत्मा फिर जीवित हुई’ ध्वजारोहण कार्यक्रम के बाद मोहन भागवत ने भी भावुक संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि यह ध्वज केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि उन लाखों लोगों का प्रतीक है जिन्होंने राम मंदिर के लिए अपना जीवन समर्पित किया. उन्होंने याद दिलाया कि पांच सदियों तक चले संघर्ष और बलिदानों का परिणाम आज पूरा हुआ है.भागवत ने कहा कि भगवा रंग धर्म, त्याग, विजय और मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों का प्रतीक है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस ध्वज को कभी अयोध्या की हवा में रामराज्य के समय फहरते देखा गया था, आज वह ध्वज फिर अपने शिखर पर गर्व से लहरा रहा है. |
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