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राजनाथ सिंह के सिंध वाले बयान से बौखलाया पाकिस्तान

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 24, 2025, 10:46 am IST
Keywords: राजनाथ सिंह   पाकिस्तान   भारत    भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह  
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राजनाथ सिंह के सिंध वाले बयान से बौखलाया पाकिस्तान

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा सिंध प्रांत को लेकर दिए गए बयान के बाद भारत–पाकिस्तान के बीच एक नई राजनीतिक तल्ख़ी उभर आई है. रविवार को पाकिस्तान ने इस बयान पर कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि भारत की टिप्पणी उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता पर सीधी चोट है. पाकिस्तान ने इस बयान को “खतरनाक” और “विस्तारवादी सोच” का संकेत बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी इस पर ध्यान देने की अपील की.

इस्लामाबाद की सख्त प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत के वरिष्ठ नेता का इस तरह किसी विदेशी प्रांत को लेकर टिप्पणी करना न केवल “गैर–जिम्मेदाराना” है बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के खिलाफ है. मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान अपने भूभाग की अखंडता से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं करेगा.

बयान में कहा गया, “भारत के रक्षा मंत्री का बयान स्पष्ट रूप से उस मानसिकता को दर्शाता है जो पड़ोसी देशों की सीमाओं को चुनौती देने की इच्छा रखती है. ऐसे बयान क्षेत्रीय शांति के खिलाफ हैं और दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ाने का काम करते हैं.”

मंत्रालय ने भारत से आग्रह किया कि वह किसी भी प्रकार की आक्रामक टिप्पणी बंद करे और ऐसे रुख से बचे जो पहले से मौजूद तनाव को और गहरा कर सकता है.

पूर्वोत्तर और अल्पसंख्यकों का उठाया मुद्दा

प्रतिक्रिया में पाकिस्तान ने भारत के आंतरिक मुद्दों को भी घसीटा. बयान में आरोप लगाया गया कि भारत को पड़ोसी देशों पर टिप्पणी करने के बजाय अपने नागरिकों विशेष रूप से धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.

पाकिस्तान ने यह भी कहा कि भारत को पूर्वोत्तर राज्यों में रहने वाले समुदायों की शिकायतों को संबोधित करना चाहिए, जो उनके अनुसार “पहचान के आधार पर भेदभाव और हिंसा” का सामना कर रहे हैं.

जम्मू–कश्मीर का संदर्भ भी बयान का मुख्य हिस्सा रहा. पाकिस्तान ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करना चाहिए और कश्मीर मुद्दे के समाधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. इस्लामाबाद ने एक बार फिर कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून के दायरे में भारत के साथ विवादों को संवाद के माध्यम से हल करने को तैयार है, हालांकि साथ ही यह भी कहा कि पाकिस्तान अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

राजनाथ सिंह ने क्या कहा था?

राजनाथ सिंह ने दिल्ली में आयोजित “सिंधी समाज सम्मेलन” में बोलते हुए सिंध प्रांत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि विभाजन के दौरान सिंध के पाकिस्तान में शामिल होने को सिंधी समाज की कई पीढ़ियों ने कभी भी पूरी तरह स्वीकार नहीं किया.

अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “सभ्यता और संस्कृति के लिहाज से सिंध सदियों तक भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है. भविष्य में क्या होगा, कौन जानता है... सीमाएं बदलती रहती हैं.”

उनके इसी बयान से पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल शुरू हुई.

सिंध पर पाकिस्तान का दावा और चिंता

पाकिस्तान ने स्पष्ट किया कि सिंध 1947 में देश बनने के समय से ही उसका महत्वपूर्ण अंग है. यह उसका तीसरा सबसे बड़ा प्रांत है, जिसकी राजधानी कराची पाकिस्तान की आर्थिक धुरी मानी जाती है. इस वजह से इस्लामाबाद का कहना है कि सिंध को भारत के साथ जोड़ने वाली कोई भी टिप्पणी क्षेत्रीय स्थिरता के लिए हानिकारक है.

पाकिस्तान के अनुसार, “ऐसे बयान जानबूझकर तनाव बढ़ाने और दोनों देशों के बीच अविश्वास को गहरा करने की कोशिश हैं.”

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