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देश के सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद-नोएडा का नाम, खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI

जनता जनार्दन संवाददाता , Oct 19, 2025, 11:55 am IST
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देश के सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद-नोएडा का नाम, खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI

नोएडा: त्योहारों की शुरुआत से पहले ही उत्तर भारत के प्रमुख औद्योगिक और शहरी इलाकों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 324 रिकॉर्ड किया गया, जिससे यह देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया. वहीं, नोएडा में AQI 293 दर्ज किया गया, जिससे यह देश के तीसरे सबसे प्रदूषित शहर की श्रेणी में आ गया.

विशेषज्ञों के मुताबिक, दिवाली से पहले ट्रैफिक का बढ़ना, निर्माण कार्य, कूड़ा जलाने की घटनाएं और खेतों में पराली जलाना वायु प्रदूषण में इज़ाफा कर रहे हैं. इसके अलावा, शहरी इलाकों में बेतरतीब विकास और हरियाली की कमी से स्थिति और गंभीर हो रही है.

नोएडा और गाजियाबाद जैसे इलाकों में निर्माण स्थलों से उड़ती धूल, वाहनों से निकलने वाला धुआं, और स्थानीय स्तर पर कचरे को जलाने की घटनाएं वायु गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं.

GRAP लागू होने की संभावना

वर्तमान में नोएडा में ग्रैप-1 (Graded Response Action Plan – Stage 1) लागू है, लेकिन अगर यही स्थिति बनी रही तो प्रशासन जल्द ही GRAP-2 लागू कर सकता है. GRAP के तहत वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर कदम उठाए जाते हैं. GRAP-2 लागू होते ही निर्माण कार्यों पर रोक, डीज़ल जेनरेटर के उपयोग पर नियंत्रण और औद्योगिक गतिविधियों पर सख्ती जैसे प्रावधान प्रभावी हो सकते हैं.

नोएडा के प्रदूषण हॉटस्पॉट

प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अनुसार, नोएडा में कई इलाके वायु प्रदूषण के हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किए गए हैं. इनमें प्रमुख क्षेत्र हैं:

  • सेक्टर 116, 115, 150, 158
  • सेवन एक्स (7x) क्षेत्र
  • यमुना पुश्ता और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे
  • दादरी रोड
  • सेक्टर 50, 51, 62 से 104 तक
  • एमिटी यूनिवर्सिटी के आसपास का इलाका
  • सेक्टर 140 से 143 तक

इन क्षेत्रों में लगातार निगरानी के लिए क्षेत्रीय अधिकारी रितेश कुमार तिवारी के नेतृत्व में तीन निगरानी टीमें गठित की गई हैं.

दिवाली पर ग्रीन पटाखों को बढ़ावा

दिवाली के मद्देनजर प्रशासन ने प्रदूषण को कम करने के प्रयास में ग्रीन पटाखों को ही बेचने की अनुमति दी है. नोएडा जोन में 30 व्यापारियों को ग्रीन पटाखे बेचने के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं. इन व्यापारियों को नोएडा अथॉरिटी और फायर डिपार्टमेंट से NOC लेना अनिवार्य था.

सीएफओ प्रदीप कुमार ने जानकारी दी कि पटाखों की दुकानों के लिए कुछ खास नियम बनाए गए हैं:

  • दुकानें केवल टिन शेड में लगाई जाएंगी
  • प्रत्येक दुकान के बीच 3 मीटर की दूरी अनिवार्य है
  • फायर सेफ्टी उपकरण रखना अनिवार्य है

नोएडा के डीसीपी यमुना प्रसाद ने बताया कि 20 अक्टूबर तक ही पटाखे बेचने की अनुमति होगी. वहीं, सेंट्रल नोएडा डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी के अनुसार शनिवार को 2 और शुक्रवार को 3 लाइसेंस जारी किए गए, जबकि ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार को 4 लाइसेंस दिए गए थे.

गाजियाबाद की हालत सबसे खराब

गाजियाबाद में हालात बेहद चिंताजनक हैं. शनिवार को AQI 324 रहा, जबकि लोनी जैसे क्षेत्र में यह 354 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. पड़ोसी जिलों की तुलना में गाजियाबाद की वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही. उदाहरण के लिए:

  • दिल्ली – 268
  • गुरुग्राम – 258
  • ग्रेटर नोएडा – 248
  • नोएडा – 293
  • फरीदाबाद – 190

इससे स्पष्ट है कि गाजियाबाद में प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास नाकाफी हैं. अधिकारियों की ओर से Commission for Air Quality Management (CAQM) द्वारा GRAP-2 लागू होने का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर प्रभावी कार्रवाई की कमी नजर आती है.

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