ब्रह्मोस से भी तेज और घातक मिसाइल बनाएगा भारत

जनता जनार्दन संवाददाता , Jun 03, 2025, 17:00 pm IST
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ब्रह्मोस से भी तेज और घातक मिसाइल बनाएगा भारत

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल की सटीक मारक क्षमता ने दुनियाभर में भारत की सैन्य शक्ति का लोहा मनवाया. अब इसी सफलता को और आगे ले जाते हुए भारत इससे भी अधिक घातक और तेज़ हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल – ब्रह्मोस-II के विकास की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है.

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी स्क्रैमजेट इंजन तकनीक में बड़ी सफलता हासिल की है, जिसके आधार पर ब्रह्मोस की अगली पीढ़ी तैयार की जा रही है. इस मिसाइल को मैक 8 यानी आवाज की गति से आठ गुना तेज रफ्तार और 1500 किलोमीटर तक की स्ट्राइक रेंज के साथ डिजाइन किया जा रहा है.

ब्रह्मोस-II: एक नई रफ्तार, एक नई ताकत

भारत और रूस के बीच ब्रह्मोस-II के संयुक्त विकास को लेकर उच्चस्तरीय बातचीत फिर से शुरू होने वाली है. यह नई मिसाइल रूस की ख्यातिप्राप्त 3M22 जिरकॉन से प्रेरित होगी, जो पहले से ही मैक 9 की रफ्तार और परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता के साथ रूस की नौसेना का हिस्सा है. ब्रह्मोस-II में स्क्रैमजेट इंजन लगाया जाएगा, जो वर्तमान ब्रह्मोस के रामजेट इंजन से कहीं अधिक आधुनिक और शक्तिशाली होगा. इससे मिसाइल को हाइपरसोनिक गति पर लंबे समय तक उड़ान में रहने और अत्यधिक सटीकता से टारगेट को नष्ट करने में सक्षम बनाया जाएगा.

लंबे इंतज़ार के बाद मिली रफ्तार

हालांकि ब्रह्मोस-II प्रोजेक्ट की घोषणा 2008 में ही कर दी गई थी, लेकिन रूस की तकनीकी साझेदारी में झिझक और मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (MTCR) जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण इसमें देरी हुई. भारत के MTCR में शामिल होने के बाद अब यह बाधाएं काफी हद तक दूर हो गई हैं. अब जबकि वैश्विक स्तर पर हाइपरसोनिक हथियारों की होड़ तेज हो चुकी है, भारत और रूस इस परियोजना को नए जोश के साथ आगे बढ़ा रहे हैं.

ब्रह्मोस: अब तक की सफलता की कहानी

1998 में स्थापित भारत-रूस का संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस अब तक की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल  ब्रह्मोस  को विकसित कर चुका है. यह मिसाइल मैक 3.5 की रफ्तार तक उड़ सकती है और 800 किलोमीटर तक के टारगेट को सटीकता से भेद सकती है. "फायर एंड फॉरगेट", कम रडार सिग्नेचर और मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्चिंग की क्षमता ने इसे भारतीय थल, जल और वायु सेना के लिए एक भरोसेमंद हथियार बना दिया है. ऑपरेशन सिंदूर में इसकी भूमिका निर्णायक रही, जहां इसने आतंकी ठिकानों को सटीकता से ध्वस्त किया.

भविष्य की मिसाइल: ब्रह्मोस-II की खासियतें

  • स्पीड: मैक 6 से 8 के बीच
  • रेंज: 1,500 किलोमीटर
  • इंजन: स्क्रैमजेट
  • वजन: लगभग 1.33 टन (हवा से लॉन्च करने योग्य संस्करण)
  • इंस्पिरेशन: रूस की जिरकॉन मिसाइल
  • लॉन्चिंग विकल्प: हल्के लड़ाकू विमान जैसे भारत का LCA तेजस भी इसके लिए तैयार किया जा रहा है.
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