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सोना छू रहा आसमान! पिछले तीन-चार साल में क्यों बढ़ गईं गोल्ड की कीमतें?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 10, 2025, 21:25 pm IST
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![]() पिछले तीन-चार सालों में सोने की कीमतों ने ऐसा उछाल मारा है कि यह केवल गहनों की चमक तक सीमित नहीं रह गई. आज सोना एक निवेश का जरिया बन चुका है, जो दुनियाभर की आर्थिक परिस्थितियों को प्रतिबिंबित करता है. हर कोई जानना चाहता है कि आखिर सोना इतना महंगा क्यों हो गया है और कौन है जो इस पीली धातु को इतनी बड़ी मात्रा में खरीद रहा है. मुद्रास्फीति और आर्थिक अनिश्चितता मुद्रास्फीति, यानी महंगाई की बढ़ोतरी, सबसे बड़ा कारण है जो निवेशकों को सोने की ओर खींचती है. जब रुपए की कीमत गिरती है, तो निवेशक अपना पैसा ऐसे संपत्ति में लगाना चाहते हैं जिसका मूल्य स्थिर रहे. सोना सदियों से ‘सेफ हेवन’ का दर्जा रखता है. वैश्विक आर्थिक संकट, जैसे बाजार में उतार-चढ़ाव या आर्थिक मंदी के दौर में निवेशक अधिकतर सोने को प्राथमिकता देते हैं. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी सोने की मांग में केंद्रीय बैंकों का योगदान भी कम नहीं है. भारत, चीन, रूस जैसे बड़े देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की मात्रा बढ़ा रहे हैं. इसका मकसद अपने विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करना और डॉलर पर निर्भरता कम करना है. इस रणनीति ने भी सोने की कीमतों को ऊपर धकेला है. राजनीतिक तनाव और वैश्विक अस्थिरता यूक्रेन-रूस युद्ध, अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक टकराव, और मध्य-पूर्व में निरंतर तनाव ने निवेशकों को सोने की तरफ मोड़ दिया है. इतिहास में हर बार जब विश्व स्तर पर संकट आया है, तो सोना ही वह निवेश रहा है जिस पर भरोसा किया गया. वर्तमान वैश्विक परिदृश्य भी कुछ अलग नहीं है. भारतीय परंपरा और आधुनिक निवेश भारत में सोना सिर्फ निवेश का जरिया नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक प्रतीक भी है. त्योहारों और शादी-ब्याह के अलावा, परिवारों के लिए सोना सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक है. आज के दौर में गोल्ड ETF और डिजिटल निवेश के कारण भी सोने की मांग में इजाफा हुआ है. |
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