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दुश्मनों को धूल चटाने के लिए तैयार हो रहे देश के नए शूरवीर
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jan 11, 2023, 15:28 pm IST
Keywords: Agnipath Scheme Training देशभर अग्निपथ योजना Agniveer Training बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग
पिछले साल देशभर में अग्निपथ योजना को लेकर खूब उपद्रव हुआ था. इसके विरोध में तोड़फोड़ से लेकर आगजनी तक की गई थी. राजनीतिक दलों ने भी इस उपद्रव का खूब फायदा उठाया था, लेकिन विरोध के बावजूद रक्षा मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि देश के लिए अग्निपथ योजना जरूरी क्यों है. आज इसी योजना के तहत बड़ी संख्या में देश का युवा अलग-अलग मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर्स पर अग्निवीर बनने की ट्रेनिंग ले रहा है. टीम ऐसे ही एक ट्रेनिंग सेंटर में पहुंची, जहां अग्निवीरों को फौलाद बनाया जा रहा है.ये देश के शूरवीरों की नई पौध है और इनका हौसला इतना है कि देश के दुश्मनों के लिए साक्षात काल बनने को तैयार है. हैदराबाद की जमीन पर दुश्मनों को धूल चटाने के लिए नए शूरवीरों की ट्रेनिंग चल रही है. गोलकोंडा आर्टिलरी सेंटर में अग्निवीरों के पहले बैच के 2,265 जवान कड़ी मिलिट्री ट्रेनिंग से गुजर रहे हैं. रनिंग से लेकर रोलिंग तक और वेपन ट्रेनिंग से लेकर युद्ध की रणनीति समझने तक अग्निवीर दुश्मन को हराने की सारी कलाएं सीख रहे हैं. ट्रेनिंग सेंटर में शामिल अग्निवीरों को सैनिकों को मिलने वाली किट भी मुहैया करवाई है. इसमें वर्दी, जूते, बेल्ट, निजी जरुरतों का सामान और बेड शामिल है. इन अग्निवीरों को मिलने वाली मिलिट्री ट्रेनिंग को खास तरीके से डिजाइन किया गया है. अग्निवीरों के लिए फिजिकल ट्रेनिंग के साथ-साथ उनके मनोरंजन का भी ध्यान रखा गया है. फिजिकल ट्रेनिंग के बाद ये अपने मनपसंद खेलों में हिस्सा ले सकते हैं, लेकिन इसके बाद रात होने पर इनकी नाइट ट्रेनिंग शुरु हो जाती है. चीफ इंस्ट्रक्टर कर्नल शालीन सिंह ने बताया कि अग्निवीरों की ट्रेनिंग सुबह सुबह 6 बजे शुरू हो जाती है और 7.30 बजे तक पीटी होती है. इसके बाद 8.30 बजे से 2 बजे तक क्लासेस होती है, जबकि इवनिंग में गेम्स होते हैं. इसके बाद नाइट ट्रेनिंग भी शेड्यूल्ड है. उन्होंने बताया कि यह ट्रेनिंग टफ है, लेकिन साइंटिफिकली डिजायन्ड है. हम इन्हें ग्रेजुअली बिल्डअप करेंगे और ट्रेंड सोल्जर बनाएंगे. अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को पिछले साल जून महीने में लॉन्च किया गया था. इसके तहत सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा. ये अग्निवीर फिलहाल चार साल के लिए सेना में शामिल होंगे. चार साल की सेवा के बाद इनमें से 25 फीसदी रेग्युलर सेना का हिस्सा हो जाएंगे, बाकी 75 फीसदी रिटायर हो जाएंगे. 4 साल बाद जिन अग्निवीरों की सेवा जारी रहेगी, उनका पद अन्य सामान्य सैनिकों की तरह होगा. साल 2022-23 के लिए सेना के तीनों अंगों में कुल मिलाकर 46 हजार जवानों की भर्ती की जा रही. इनमें 40 हजार अग्निवीर थल सेना के लिए शामिल किए जा रहे हैं. इनमें से 19 हजार अग्निवीरों की ट्रेनिंग शुरु की जा चुकी है. अगले फेज यानी मार्च से 21000 अग्निवीरों की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसी तरह नौसेना के 3 हजार अग्निवीरों की ट्रेनिंग भी ओडिशा के INS चिल्का में शुरू की जा चुकी है. इनमें से 300 से ज्यादा महिला अग्निवीर हैं. पिछले साल दिसंबर महीने इन जवानों की ट्रेनिंग शुरू की गई थी. एयरफोर्स भी वायु अग्निवीरों की अगली भर्ती की तैयारी में जुट गया है. इसके लिए परीक्षा की तारीख और शहरों की सूची भी पहले ही जारी कर दी गई है. परीक्षा इसी महीने में होनी है. इसके लिए 18 जनवरी से 24 जनवरी की तारीख तय की गई है. |
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