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राम मंदिर पर फहरा ध्वजा तो बिलबिलाया पाकिस्तान, भारत ने बता दिया औकात

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 27, 2025, 10:09 am IST
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राम मंदिर पर फहरा ध्वजा तो बिलबिलाया पाकिस्तान, भारत ने बता दिया औकात

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर पवित्र भगवा ध्वज फहराए जाने के बाद पाकिस्तान ने इस पर आपत्ति जताते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया. पाकिस्तान की यह प्रतिक्रिया तुरंत राजनीतिक और कूटनीतिक चर्चा का मुद्दा बन गई. भारत ने इस बयान को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान जैसे देश को भारत के धार्मिक आयोजनों पर टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

पाकिस्तान ने क्यों जताई आपत्ति?

पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि राम मंदिर पर ध्वज फहराना उन्हें “धार्मिक असहिष्णुता का संकेत” लगता है. उन्होंने इसे इस्लामोफोबिया से जोड़ते हुए कहा कि ऐसा कदम भारत में अल्पसंख्यकों के लिए खतरा पैदा करता है.

पाकिस्तान ने इस घटना को 1992 की घटनाओं की याद दिलाने वाला बताया और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से अपील की कि वे भारत के इस कदम का संज्ञान लें.

भारत ने दिया करारा पलटवार

भारत की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के बयान को "तथ्यहीन, पाखंडी और दोहरे मापदंड का उदाहरण" बताया.
उनका कहना था:

  • पाकिस्तान का खुद का इतिहास धार्मिक कट्टरता, अल्पसंख्यकों के दमन और चरमपंथी सोच से भरा हुआ है.
  • ऐसे देश से भारत को धार्मिक स्वतंत्रता या सांस्कृतिक परंपरा पर सीख लेने की आवश्यकता नहीं.
  • अयोध्या में ध्वजारोहण भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विश्वासों से जुड़ा है और यह पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है.

भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान पहले अपने देश में हो रहे अत्याचारों, जबरन धर्मांतरण, मंदिरों और चर्चों पर हमलों, और मानवाधिकार उल्लंघनों पर ध्यान दे.

भारत की नजर में भगवा ध्वज का महत्व

25 नवंबर को आयोजित विशेष समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के ऊपरी भाग पर पवित्र भगवा ध्वज फहराया.
यह कार्यक्रम:

  • मंदिर निर्माण की प्रगति का प्रतीक था
  • प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया
  • करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए भावनात्मक एवं सांस्कृतिक महत्व रखता था

यह ध्वजारोहण भारत की धार्मिक स्वतंत्रता और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक माना गया. भारत के अनुसार इसका किसी बाहरी देश या उसकी राजनीति से कोई संबंध नहीं है.

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