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अब 1 साल में मिलेगी ग्रेच्युटी, ओवरटाइम पर दोगुना पेमेंट

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 23, 2025, 10:37 am IST
Keywords: केंद्र सरकार   ओवरटाइम   लेबर-कोड्स   New Labour Codes  
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अब 1 साल में मिलेगी ग्रेच्युटी, ओवरटाइम पर दोगुना पेमेंट केंद्र सरकार ने देश की लेबर व्यवस्था में दशकों बाद सबसे बड़ा बदलाव किया है. पहले अलग-अलग 29 लेबर कानून लागू थे, जिनमें से कई एक-दूसरे से टकराते थे और कंपनियों के लिए नियमों का पालन करना जटिल हो जाता था. इन्हीं सबको सरल बनाने के लिए सरकार ने इन्हें चार प्रमुख कोड्स में परिवर्तित कर दिया है- वेजेज, इंडस्ट्रियल रिलेशंस, सोशल सिक्योरिटी और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी.

ये कोड 2020 में संसद से पारित हुए थे, लेकिन इन्हें लागू करने के लिए केंद्र और राज्यों के रूल्स तैयार होने में देरी हुई. अब केंद्र ने इन्हें नोटिफाई कर दिया है, और अप्रैल 2025 से ये पूरे देश में प्रभावी हो जाएंगे. माना जा रहा है कि इनका सीधा फायदा करीब 50 करोड़ कर्मचारियों और मजदूरों को मिलेगा.

ग्रेच्युटी में बड़ा बदलाव: 20 लाख तक टैक्स-फ्री

सबसे उल्लेखनीय सुधार ग्रेच्युटी के नियमों में किया गया है. अब कर्मचारी को यह लाभ पाने के लिए 5 साल की न्यूनतम सर्विस की जरूरत नहीं रहेगी.

अगर किसी ने सिर्फ 1 साल भी काम किया है, तो वह भी ग्रेच्युटी का पात्र होगा, यह प्रावधान देश के असंगठित और प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों के लिए बेहद बड़ी राहत है.

नए नियमों की मुख्य बातें:

  • ग्रेच्युटी की टैक्स-फ्री सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी गई है.
  • कंपनियों को अंतिम भुगतान 30 दिनों के भीतर करना अनिवार्य होगा.
  • देरी होने पर 10% सालाना ब्याज देना पड़ेगा.
  • जानबूझकर भुगतान न करने पर मुआवजा दोगुना तक हो सकता है.

यह नियम प्राइवेट, पब्लिक और फिक्स्ड-टर्म रोजगार तीनों पर लागू होगा.

1 साल पर ग्रेच्युटी का उदाहरण

यदि किसी कर्मचारी की अंतिम बेसिक सैलरी 50,000 हो और उसने एक वर्ष काम किया हो—

ग्रेच्युटी = 50,000 × (15/26) × 1 = लगभग 28,847 रुपए

यानी कम से कम एक साल की नौकरी पर भी कर्मचारी को लगभग 29 हजार रुपए ग्रेच्युटी मिलेगी.

ओवरटाइम का नियम सख्त, वेतन दोगुना

पहले कंपनियों में ओवरटाइम के नियम अस्पष्ट थे. नए कोड्स में यह पूरी तरह स्पष्ट कर दिया गया है कि—

  • 1 दिन में 9 घंटे या
  • हफ्ते में 48 घंटे
  • से ज्यादा काम कराने पर दोगुना ओवरटाइम भुगतान देना होगा.

कंपनी पैसे की जगह इसके बदले कम्पेन्सेटरी ऑफ भी दे सकती है, लेकिन कर्मचारी की सहमति जरूरी होगी. ओवरटाइम का प्रावधान विशेष रूप से फैक्ट्री और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स के लिए बड़ा लाभ लेकर आएगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कंपनियों पर दबाव रहेगा कि वे कर्मचारियों से अनावश्यक ओवरटाइम न करवाएं.

मैटरनिटी-पैटरनिटी लीव बढ़ी, अर्न्ड लीव दोगुनी

लेबर कोड्स में छुट्टियों से जुड़े नियमों को भी आधुनिक बनाया गया है.

मुख्य बदलाव:

  • हर 20 दिन काम पर 1 पेड लीव.
  • अर्न्ड लीव 15 दिन से बढ़कर 30 दिन.
  • मैटरनिटी लीव 12 हफ्तों से बढ़कर 26 हफ्ते, महिलाओं के लिए बड़ा लाभ.
  • पहली बार पैटरनिटी लीव 15 दिन शामिल की गई है.
  • गोद लेने (अडॉप्शन) पर लीव का नया प्रावधान भी जोड़ा गया.
  • फिक्स्ड-टर्म कर्मचारी भी अब स्थायी कर्मचारियों जैसे लाभों के हकदार होंगे, बशर्ते उन्होंने 3 महीने की सेवा पूरी की हो.

इन नए नियमों से वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर होगा और कर्मचारियों के स्वास्थ्य और परिवार को अधिक समय मिल सकेगा.

सोशल सिक्योरिटी का दायरा बढ़ा

सोशल सिक्योरिटी कोड उन कर्मचारियों को भी कवर देता है जो अब तक किसी भी तरह की सरकारी-बीमा या सुरक्षा योजनाओं से वंचित थे.

क्या-क्या बदलेगा?

  • एम्प्लॉयर्स को अब वेज का 0.65% ईडीएलआई (बीमा) फंड में जमा करना होगा.
  • असंगठित सेक्टर के मजदूरों को पहली बार लाइफ और डिज़ेबिलिटी कवर मिलेगा.
  • गिग वर्कर्स (जैसे डिलीवरी बॉय, कैब ड्राइवर, ऐप-आधारित वर्कर्स) को
  • हेल्थ इंश्योरेंस
  • एक्सीडेंट कवर
  • सोशल सिक्योरिटी

जैसी सुविधाएँ मिलेंगी.

शॉप्स और कमर्शियल प्रतिष्ठानों को ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य, नियम न मानने पर 5 लाख रु. तक का जुर्माना.

इस बदलाव को भारत के डिजिटल और प्लेटफॉर्म आधारित रोजगार मॉडल के लिए ऐतिहासिक बताया जा रहा है.

लेबर कोड्स से क्या बदलेगा?

वर्कर्स के लिए फायदे

  • ओवरटाइम और ग्रेच्युटी से आय बढ़ेगी
  • ज्यादा लीव और सिक्योरिटी कवर
  • नौकरी बदलने का जोखिम कम

गिग और असंगठित सेक्टर को भी सुरक्षा

  • कंपनियों पर असर
  • कंप्लायंस बढ़ेगा
  • ओवरटाइम और बेनिफिट्स का खर्च बढ़ेगा
  • लेकिन सिस्टम सरल होने से व्यवसाय चलाना आसान होगा

लेबर मंत्रालय का मानना है कि ये सुधार भारत को अंतरराष्ट्रीय लेबर मानकों के करीब लाते हैं और औद्योगिक माहौल को ज्यादा पारदर्शी बनाते हैं.

ग्रेच्युटी क्या है?

ग्रेच्युटी वह राशि है जो कंपनी अपने कर्मचारी को उसकी सेवा के प्रति सम्मान और सुरक्षा के रूप में देती है. यह उसकी सैलरी और काम के कुल वर्षों के आधार पर तय की जाती है. यह रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने के बाद वित्तीय स्थिरता देती है.

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