Wednesday, 05 November 2025  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

आज मनाया जाएगा गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व, जानिए इस दिन का महत्व

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 05, 2025, 10:22 am IST
Keywords: गुरु नानक देव जी    Guru Nanak Jayanti 2025   गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व   Three Pillars of Guru Nanak Dev Ji   
फ़ॉन्ट साइज :
आज मनाया जाएगा गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व, जानिए इस दिन का महत्व

गुरु नानक जयंती सिख धर्म का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. यह केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि प्रेम, समानता और मानवता के संदेश का प्रतीक भी है. सिख धर्म के प्रथम गुरु और संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था, इसलिए इस दिन को गुरु पूरब या प्रकाश उत्सव के रूप में पूरे विश्व में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है.


साल 2025 में कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर, बुधवार को पड़ेगी. इसी दिन गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती मनाई जाएगी. यह दिन सिख धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है. इस अवसर पर देश और विदेश के सभी गुरुद्वारों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है.

गुरुद्वारों में होगा भव्य आयोजन और कीर्तन

गुरु नानक जयंती के दिन सुबह से ही गुरुद्वारों में गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ आरंभ होता है. जगह-जगह नगर कीर्तन निकाले जाते हैं, जिनमें ‘निशान साहिब’ के साथ कीर्तन और धार्मिक झांकी सजाई जाती है. शाम को लंगर सेवा के तहत सभी श्रद्धालुओं को नि:स्वार्थ भाव से भोजन कराया जाता है. गुरुद्वारे फूलों और रोशनी से सजाए जाते हैं, जबकि वातावरण में "वाहे गुरु" की पवित्र ध्वनि गूंजती रहती है. यह दिन केवल धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि सामूहिकता और प्रेम का प्रतीक बन जाता है.

गुरु नानक देव जी की तीन मूल शिक्षाएं (Three Pillars of Guru Nanak Dev Ji Teachings)

गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन से यह संदेश दिया कि ईश्वर हर जगह विद्यमान है और इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है. उन्होंने तीन मुख्य सिद्धांत बता. नाम जप – ईश्वर के नाम का स्मरण कर मन को शुद्ध रखना. कीरत करना – ईमानदारी और परिश्रम से आजीविका कमाना. वंड चक्खो – अपनी आय और सुख को दूसरों के साथ साझा करना. ये तीनों सिद्धांत न केवल सिख धर्म की नींव हैं, बल्कि मानवता की सच्ची राह भी दिखाते हैं.

गुरु नानक देव जी के जीवन से मिलने वाली प्रेरणा

गुरु नानक देव जी ने समाज में फैली अंधविश्वास, ऊंच-नीच और जातिवाद की गहरी जड़ों को चुनौती दी. उन्होंने सिखाया कि इंसान का मूल्य उसके कर्मों से होता है, न कि उसके जन्म से.उनका प्रसिद्ध उपदेश “एक ओंकार सतनाम, करता पुरख, निर्भउ, निरवैर” आज भी समानता, ईमानदारी और भयमुक्त जीवन का प्रतीक है. उन्होंने कहा था कि “जो दूसरों की सेवा करता है, वही सच्चा भक्त है.” यही संदेश आज भी उनके अनुयायियों को सेवा और प्रेम के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है.

आध्यात्मिक संदेश और आज की प्रासंगिकता

आधुनिक जीवन की भागदौड़ में गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं पहले से कहीं ज्यादा प्रासंगिक हो चुकी हैं. उन्होंने जीवन को सरल, ईमानदार और दूसरों की भलाई के लिए समर्पित रखने का मार्ग दिखाया. आज जब समाज में विभाजन और तनाव बढ़ रहा है, ऐसे में उनका प्रेम, दया और एकता का संदेश ही सच्चा समाधान है.

अन्य राष्ट्रीय लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल