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लिवर कैंसर होने पर शरीर में दिखते हैं ये लक्षण, वक्त रहते करें पहचान
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 01, 2025, 19:28 pm IST
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![]() लिवर हमारे शरीर का एक अनमोल अंग है, जो खामोशी से कई जरूरी काम करता है. यह न केवल भोजन को पचाने में मदद करता है, बल्कि शरीर को डिटॉक्स करने और ऊर्जा संग्रह करने में भी अहम भूमिका निभाता है. लेकिन जब इस महत्वपूर्ण अंग में कैंसर जैसी घातक बीमारी पनपती है, तो यह पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है. लिवर कैंसर एक ऐसी स्थिति है जो धीरे-धीरे बढ़ती है और जानलेवा हो सकती है. आइए, इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीकों को विस्तार से समझते हैं. लिवर कैंसर का स्वरूप लिवर कैंसर तब शुरू होता है जब लिवर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं. यह बीमारी कई कारणों से हो सकती है, जैसे अत्यधिक शराब का सेवन, हेपेटाइटिस-बी या सी का संक्रमण, फैटी लिवर, मोटापा या परिवार में कैंसर का इतिहास. यह लिवर के कार्यों को बाधित करता है, जिससे पाचन, रक्त शुद्धिकरण और अन्य प्रक्रियाएं प्रभावित होती हैं. समय के साथ यह स्थिति गंभीर हो सकती है, इसलिए इसे समझना और सतर्क रहना जरूरी है. लक्षण: चेतावनी के संकेत लिवर कैंसर के लक्षण शुरुआत में हल्के और अस्पष्ट होते हैं. एम्स के पूर्व गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. अनन्य गुप्ता बताते हैं कि मरीज को थकान, भूख न लगना, और अचानक वजन कम होना जैसे लक्षण दिख सकते हैं. पेट के दाहिने हिस्से में दर्द या भारीपन, त्वचा और आंखों का पीला पड़ना, उल्टी या मिचली भी इसके संकेत हैं. गंभीर मामलों में पेट और पैरों में सूजन, कमजोरी और खून की उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ये लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते हैं, इसलिए इन्हें गंभीरता से लेना जरूरी है. जांच और निदान: समय पर कदम लिवर कैंसर का सही समय पर पता लगाना इसके इलाज को आसान बनाता है. सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड और बायोप्सी जैसे टेस्ट इसकी पुष्टि में मदद करते हैं. अगर आपको लगातार थकान, पेट दर्द या अन्य असामान्य लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. शुरुआती निदान से न केवल इलाज संभव है, बल्कि जटिलताओं से भी बचा जा सकता है. बचाव: स्वस्थ आदतें, सुरक्षित भविष्य लिवर कैंसर से बचने के लिए अपनी जीवनशैली को स्वस्थ बनाना जरूरी है. शराब और धूम्रपान को अलविदा कहें. हेपेटाइटिस-बी का टीका जरूर लगवाएं. हेल्दी डाइट अपनाएं और फास्ट फूड या प्रोसेस्ड खाने से बचें. नियमित व्यायाम और वजन नियंत्रण से फैटी लिवर का खतरा कम होता है. साथ ही, समय-समय पर लिवर फंक्शन टेस्ट करवाकर अपनी सेहत की निगरानी करें. |
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