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अनुराग कश्यप की बंदर ने मचाई धूम

जनता जनार्दन संवाददाता , Sep 11, 2025, 11:48 am IST
Keywords: Bandar Movie   बॉबी देओल    अनुराग कश्यप   
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अनुराग कश्यप की बंदर ने मचाई धूम

अनुराग कश्यप की बन्दर कोई टिपिकल प्रेमकथा नहीं है. यह फ़िल्म, जिसने टोरंटो अंतरराष्ट्रीय चलचित्र महोत्सव में प्रथम प्रदर्शन किया, आज़ की आधुनिक मोहब्बत से चमक-दमक छीनकर रिश्तों के ऐसे सवाल पूछती है, जिनसे सामना करना असहज है. जहां एक स्वाइप से नज़दीकी बनती है और एक रिजेक्शन से बवाल खड़ा हो जाता है, वहीं “बन्दर” रिश्तों की सच्चाई पर चोट करती है. यहां इश्क़ को मासूम ख्वाब नहीं दिखाया गया, बल्कि उसके अंधेरे कोने जुनून, ताक़त का खेल और आकर्षण व शोषण की धुंधली लकीर को उघाड़ा गया है.

ये फ़िल्म बिना किसी चाशनी और भावुकता के यह सोचने पर मजबूर करती है. क्या एप्स पर बनने वाले रिश्ते असली होते हैं या सिर्फ़ सौदेबाज़ी जो रोमांस का मुखौटा पहन लेते हैं? और जब ऐसे नाज़ुक रिश्ते अहंकार और भावनाओं से टकराते हैं तो क्या होता है?

मुख्य भूमिका में बॉबी देओल हैं, जिनका अभिनय महोत्सव की शुरुआती चर्चा में करियर-परिभाषित कहा जा रहा है. साथ में सपना पब्बी, जिनके किरदार भी उतने ही खुरदरे, अधूरे और तकलीफ़देह इंसानी सच्चाई से भरे हैं. जेल के दृश्य, अदालत की टकराहटें और किरदारों की कच्ची परतें अनुराग कश्यप की वही पहचान दिखाती हैं जो असहज है, वहीं आँख गड़ा देना.

बन्दर पहले से ही चर्चा में है क्योंकि यह आधुनिक प्रेम की हकीकत को नंगे सच के साथ दिखाता है. ऐसे दौर में जब टिंडर और डेटिंग एप्स के रिश्तों की साख हर रोज़ सवालों में है, यह फ़िल्म दर्शकों को मजबूर करती है कि सोचें आज के दौर में इश्क़ और प्रतिबद्धता का असली मतलब क्या रह गया है. अनुराग कश्यप ने रोमांस को अविश्वास, जुनून और जीने-बचने की जद्दोजहद की पृष्ठभूमि पर रखकर बन्दर को सिर्फ़ फ़िल्म नहीं, बल्कि डिजिटल मोहब्बत की बेचैन सच्चाइयों का आईना बना दिया है.

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