एटॉमिक बम के जनक थे ओपेनहाइमर

जनता जनार्दन संवाददाता , Jul 24, 2023, 17:34 pm IST
Keywords: Oppenheimer realationship   BhagwatGita   परमाणु बम   भारतीय नागरिकता   ओपेनहाइमर  
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एटॉमिक बम के जनक थे ओपेनहाइमर इस समय जुलियस रॉबर्ट ओपनहीमर लोगों की जुबां पर हैं. इन्हें परमाणु बम बनाने का जनक माना जाता है. अब सवाल यह है कि इनके नाम की इतनी चर्चा क्यों हो रही है. इसके साथ ही भूतपूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू से इनका क्या कनेक्शन था. इस तरह की खबरें हैं कि 1954 में जब ओपनहीमर के न्यूक्लिर हथियारों वाले बयान पर आलोचना हुई तो उस समय जवाहर लाल नेहरू ने भारतीय नागरिकता देने की पेशकश की थी. अमेरिकन प्रोमेथियस: द ट्रायम्फ एंड ट्रेजेडी ऑफ जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर पुस्तक के सह-लेखक काई बर्ड ने साक्षात्कार में एक मीडिया हाउस को बताया.किताब की लेखिका बर्ड का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि ओपेनहाइमर ने इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया होगा क्योंकि वह एक गहरे देशभक्त अमेरिकी थे. बर्ड ने कहा कि अमेरिका के महानतम वैज्ञानिक के रूप में मनाए जाने के नौ साल बाद ओपेनहाइमर को कंगारू अदालत में लाया गया और एक आभासी सुरक्षा सुनवाई में उनकी सुरक्षा भी छीन ली गई. वो मैक्कार्थी विच-हंट के मुख्य शिकार बन गए. रिपब्लिकन सीनेटर जोसेफ आर मैक्कार्थी सार्वजनिक रूप से सरकारी कर्मचारियों पर विश्वासघात का आरोप लगाने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए जाने जाते थे. आश्चर्य की बात तो यह कि जब सरकार अमेरिका में साम्यवाद का मुकाबला कर रही थी.

ओपेनहाइमर को फासीवाद के उदय का डर था. वह यहूदी वंश के थे लेकिन झुकाव नहीं था. उन्होंने जर्मनी से यहूदी शरणार्थियों को बचाने में मदद के लिए धन दिया। उन्हें डर था कि जर्मन भौतिक विज्ञानी हिटलर को परमाणु बम देने जा रहे हैं जिससे हिटलर द्वितीय विश्व युद्ध जीतने में सक्षम होगा और यह एक भयानक परिणाम होगा. दुनिया भर में फासीवाद की जीत होगी। इसलिए उन्हें लगा कि यह परमाणु बम आवश्यक था।''बर्ड ने कहा कि अगस्त 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम विस्फोटों के बारे में ओपेनहाइमर के मन में मिलीजुली भावनाएं थीं। 1945 के वसंत तक, जर्मनी हार गया था। और उस वसंत में कुछ भौतिकविदों और वैज्ञानिकों ने गैजेट के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एक आकस्मिक बैठक की और पूछा कि हम सामूहिक विनाश के इस भयानक हथियार को बनाने के लिए इतनी मेहनत क्यों कर रहे हैं. हम जानते हैं कि जर्मन हार गए हैं और हिटलर मर गया है. जापानी शायद बम परियोजना नहीं कर सकते हैं? 

बर्ड ने कहा कि ओपेनहाइमर को हिंदू रहस्यवाद और भगवद गीता के प्रति आकर्षित हुए. उन्होंने बर्कले विश्वविद्यालय के एकमात्र संस्कृत विद्वान आर्थर राइडर को संस्कृत में पढ़ाने के लिए कहा ताकि वह मूल रूप में गीता पढ़ सकें.और वह प्रसिद्ध पंक्ति जिसका उपयोग उन्होंने यह वर्णन करने के लिए किया था कि जब उन्होंने ट्रिनिटी विस्फोट परमाणु हथियार का पहला विस्फोट देखा था तो उन्होंने सोचा था कि वो मृत्यु हैं, दुनिया के विनाशक हैं. कुछ संस्कृत विद्वान, जैसा कि मैं इसे समझता हूं कि अधिक सटीक अनुवाद होगा 'मैं समय हूं, दुनिया का विनाशक'. वह एक क्वांटम भौतिक विज्ञानी थे, इसलिए वह समय और स्थान को समझने की कोशिश कर रहे थे. ये ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें गीता कुछ स्तर पर संबोधित करती है.

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