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उत्तर प्रदेश: मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना में किया गया संशोधन
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jul 15, 2020, 17:03 pm IST
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![]() लखनऊ: उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से संचालित 'मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना' में संशोधन के प्रस्ताव पर अपनी अनापत्ति श्रम विभाग ने दे दी है. साथ ही बुधवार को इस संबंध में शासनादेश भी जारी कर दिया है. इस योजना में अब एकमुश्त राशि दी जाएगी. यह संशोधन इसलिए किया गया है कि अक्सर श्रमिकों को यह जानकारी ही नहीं होती थी कि उन्हें दूसरी किस्त भी मिलनी है. कई श्रमिक इसके लिए आवेदन ही नहीं करते थे. इसलिए संशोधित योजना में हितलाभ की धनराशि एकमुश्त देने की व्यवस्था की गई है. अब यूपी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत पुरुष श्रमिक की पत्नी को लड़का पैदा होने पर अब 20,000 रुपये एक साथ दिए जाएंगे और लड़की होने पर 25,000 रुपये दिए जाएंगे. बोर्ड में पंजीकृत महिला श्रमिकों को भी लड़का या लड़की पैदा होने पर पैसा मिलेगा, इसके लिए उन्हें निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा. पुरुष कामगार की ओर से आवेदन करने पर उनकी पत्नियों को मातृत्व हितलाभ के रूप में 6000 रुपये अब दो किस्तों की जगह एक बार में दे दिए जाएंगे. पहले इस योजना के तहत लड़का पैदा होने पर वर्ष में एक बार 12,000 और लड़की होने पर 15,000 रुपये की दर से दो वर्ष की आयु पूर्ण होने तक दिए जाते थे, लेकिन अब इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया है. इस योजना के तहत दिए जाने वाले सभी हितलाभ का भुगतान आवेदन किए जाने के 15 दिन के अंदर और इस बारे में जनहित गारंटी अधिनियम के तहत जारी अधिसूचना में तय की गई समयावधि के अंदर आवेदक के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. इस योजना के तहत परिवार में पहली बालिका के जन्म लेने पर 25,000 रुपये एकमुश्त जिसे 18 वर्ष तक के लिए सावधि जमा किया जाएगा, के भुगतान का भी प्रावधान है. यदि बालिका दिव्यांग है तो 50,000 रुपये की राशि एकमुश्त 18 वर्ष तक के लिए सावधि जमा का प्रावधान है. परिवार के निकट के आंगनबाड़ी केंद्र पर बालिका के जन्म के एक वर्ष के अंदर पंजीकरण कराने की अब जरुरत नहीं रह गई है. संशोधित योजना में हितलाभ की स्वीकृति के लिए तय समय सीमा को भी कम किया गया है. |
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