973 हड़ताली डॉक्टरों का इस्तीफा, गृह मंत्रालय ने ममता बनर्जी से मांगी रिपोर्ट
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jun 15, 2019, 19:20 pm IST
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दिल्ली: पश्चिम बंगाल में आज पांचवें दिन डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. इस बीच गृह मंत्रालय ने डॉक्टरों द्वारा जारी हड़ताल पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रिपोर्ट देने को कहा है. केंद्र ने राज्य सरकार को एडवाइजरी जारी करते हुए तुरंत एक रिपोर्ट तलब की है. केंद्र की एडवाइजरी में कहा है गया है कि डॉक्टरों की हड़ताल का असर पूरे देश में पड़ रहा है और पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों के डॉक्टर भी इसमें शामिल हो गए हैं. केंद्र ने ममता बनर्जी से पूछा है कि इस हड़ताल को रोकने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए इसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंपे. बता दें कि इससे पहले भी गृह मंत्रालय ने एक बार और ममता बनर्जी को नोटिस भेजा था. बता दें कि डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से दो नवजात बच्चों ने बिना इलाज दम तोड़ दिया है. अब भी हड़ताली डॉक्टर और ममता अपनी-अपनी जिद पर अड़े हुआ है. इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के कुछ ही दिनों बाद शनिवार को ममता बनर्जी सरकार से राजनीतिक हिंसा को रोकने के लिए किए गए उपायों पर रिपोर्ट मांगी थी. बता दें कि पश्चिम बंगाल में आज पांचवें दिन डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. इस बीच हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सचिवालय में शनिवार शाम में बैठक का ममता बनर्जी का आमंत्रण ठुकरा दिया है. डॉक्टरों ने कहा है कि मुख्यमंत्री को पहले माफी मांगनी होगी. यही नहीं अपना विरोध दर्ज कराते हुए अब तक 973 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है. पश्चिम बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों को देशभर के डॉक्टरों का साथ मिला है. दिल्ली स्थित एम्स और सफदरजंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य के आंदोलनकारी डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा है कि ऐसा न होने पर वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. अल्टीमेटम: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पतालों के डॉक्टरों ने कोलकाता में अपने सहयोगियों पर हमलों के विरोध में शुक्रवार को काम का बहिष्कार किया था. शनिवार को काम फिर से शुरू करने वाले एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के सदस्यों ने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों की मांगें 48 घंटे के भीतर पूरी नहीं की जाती हैं तो उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम पश्चिम बंगाल सरकार के शत्रुतापूर्ण और अड़ियल रवैये की निंदा करते हैं. एम्स, नयी दिल्ली में हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय नहीं मिल जाता.’’ एम्स आरडीए ने एक बयान में कहा, ‘‘14 जून को हुई आम सभा की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, आरडीए पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताली डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम देती है. मांगें पूरी न होने पर एम्स नई दिल्ली में हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. हमें उम्मीद है कि देशभर में हमारे सहयोगी जरूरत की इस घड़ी में हमारे साथ जुड़ेंगे.’’ केंद्रीय मंत्री की बैठक: आरडीए सदस्यों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के प्रति आभार व्यक्त किया और गतिरोध को दूर करने के लिए उनके कदमों की सराहना की. उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरी उम्मीद है कि वह इसे प्राथमिकता देते हुए इस मामले का अति शीघ्र समाधान करेंगे.’’सफदरजंग अस्पताल आरडीए के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने भी इस मामले पर समान रुख अपनाया. दिल्ली के चिकित्सकों ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले अपने राज्य में हड़ताली डॉक्टरों को हड़ताल वापस लेने या छात्रावास खाली करने के लिए चार घंटे का अल्टीमेटम दिया था. ममता बनर्जी की बैठक में नहीं जाएंगे डॉक्टर जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम के प्रवक्ता अरिन्दम दत्ता ने कहा, ‘‘हम बैठक के लिए मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर राज्य सचिवालय नहीं जाएंगे. उन्हें (मुख्यमंत्री) नील रत्न सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आना होगा और एसएसकेएम अस्पताल में बृहस्पतिवार को अपने दौरे के दौरान की गई टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफी मांगनी होगी.’’ |
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