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बेफिक्रे मूवी रिव्यू

जनता जनार्दन डेस्क , Dec 10, 2016, 13:55 pm IST
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फ़ॉन्ट साइज :
बेफिक्रे मूवी रिव्यू मुंबई: वैसे तो एक क्रेज़ी वन-नाइट स्टैंड से शुरू हुआ रिश्ता अंत में रिलेशनशिप पर जाकर खत्म होता है। लेकिन धरम और शायरा काफी जल्दी एक-दूसरे से बोर हो जाते हैं और जिंदगी उन्हें किस मोड़ पर ले आती है, यही है फिल्म की कहानी।

रिव्यू: आज से तकरीबन बीस साल पहले निर्माता-निर्देशक आदित्य चोपड़ा 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' जैसी सुपरहिट प्रेम कहानी लेकर आए थे, जिसमें जुनूनी प्रेम के साथ-साथ सशक्त पारिवारिक मूल्यों की बात भी थी। फिल्म में नायिका काजोल जब नायक शाहरुख खान से कहती है, 'मुझे भगाकर ले चलो' तो नायक उसकी इस दुस्साहसी पहल से इनकार कर देता है। उसका मानना है कि वह नायिका के पिता और परिवार का दिल जीतकर ही अपनी दुल्हनियां को ले जाएगा। मगर अब 21 साल बाद न केवल प्रेम की परिभाषा बदल गई है, बल्कि सामाजिक मूल्यों में भी परिवर्तन आ चुका है।

आदित्य चोपड़ा की 'बेफिक्रे' में नायिका वाणी कपूर अपने बॉयफ्रेंड रणवीर सिंह को अपने घर ले जाती है और माता-पिता के सामने ऐलान कर देती है कि वह नायक रणवीर के संग लिव इन रिलेशनशिप में रहने जा रही है और इसके लिए वह उनकी आज्ञा नहीं ले रही बल्कि उन्हें सूचित कर रही है। आदित्य की 'बेफिक्रे' आज के उन युवाओं की कहानी है, जिनके लिए प्यार, चुंबन, संभोग, लिव इन, ब्रेकअप सब कुछ इंस्टंट फ़ूड की तरह है। और इस इंस्टंट कॉन्सेप्ट में अपने लिए सही साथी को चुनने का जबरदस्त कन्फ्यूजन भी है।

पिछले कुछ अरसे से प्रेम कहानियों के मामले में बॉलिवुड प्यार, दोस्ती और कन्फ्यूजन जैसे मुद्दों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान है। 'लव आजकल', 'तामाशा', 'शुद्ध देसी रोमांस', 'ऐ दिल है मुश्किल', 'डियर जिंदगी' जैसी तमाम फिल्मों में इन्हीं मुद्दों को उलटफेर के साथ परोसा गया है। इस बार आदित्य चोपड़ा ने आज के यूथ से अपने कनेक्शन को परखने के लिए 'बेफिक्रे' में दो ऐसे युवाओं को चुना जो प्रेम और विवाह जैसे कमिटमेंट से कोसों दूर हैं। धरम (रणवीर सिंह) और शायरा (वाणी कपूर) का हाल ही में ब्रेकअप हुआ है।

कहानी एक गाने के साथ फ्लैशबैक में पहुंचती है। वन नाइट स्टैंड के तहत धरम और शायरा की मुलाकात होती है। दोनों इस बात पर एकमत हैं कि जिस्मानी रूप से एक होने का मतलब यह कतई नहीं कि दोनों में प्यार हों। दोनों ही अपनी तरह के बेफिक्रे हैं। एक-दूसरे को अजीबो-गरीब डेयर देते हुए दोनों करीब आते हैं और फिर अचानक लिव इन का फैसला करते हैं, मगर इस शर्त के साथ कि दोनों उनके बीच प्यार वाली फीलिंग नहीं लाने देंगे। धरम खुद को हवस का पुजारी बताता है और शायरा खुद को फ्रेंच लड़की के रूप में देखती है।

एक साल के साथ रहने के दौरान दोनों को अहसास होता है कि वे एक-दूसरे के लिए नहीं बने हैं और तब दोनों आपसी सहमति से ब्रेकअप कर लेते हैं। ब्रेकअप के बाद दोनों अच्छे दोस्त बनने का फैसला करते हैं। एक-दूसरे के आड़े वक्त में काम आकर दोस्ती निभाते भी हैं और इसी सिलसिले में शायरा को एक बैंकर शादी के लिए प्रपोज करता है। धरम एक अच्छे दोस्त की मानिंद उसे अपना घर बसाने की सलाह देता है। यहां धरम भी अपने लिए एक फ्रेंच लड़की को चुनता है। दोनों की शादी तय होती है, मगर जैसे-जैसे शादी की तारीख पास आती है, दोनों के बीच शादी और प्यार को लेकर कन्फ्यूजन पैदा हो जाता है।

'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे', 'मोहब्बतें', 'रब ने बना दी जोड़ी' के बाद 'बेफिक्रे' तक आते-आते आदित्य चोपड़ा प्यार-मोहब्बत के मामले में कुछ ज्यादा ही 'बेफिक्रे' नजर आए हैं। हालांकि, अपने बोल्डनेस को जस्टिफाई करने के लिए उन्हें पैरिस का माहौल दर्शाना पड़ा है। कहानी पुरानी है, जहां आदित्य नायिका को उन्मुक्त दर्शाने के बावजूद खांचे से बाहर नहीं निकाल पाए हैं। ब्रेकअप के बाद जहां नायक कई लड़कियों के साथ हमबिस्तर होता है, वहीं नायिका किसी से रिश्ता नहीं बनाती।

उन्होंने आज के युवाओं के माइंडसेट की पड़ताल करने की कोशिश की है, मगर कहानी का ढीलापन उन्हें कमजोर कर देता है। इटरनल रोमांस के लिए जाने जानेवाले आदित्य यहां चूक जाते हैं। इंटरवल तक कहानी हॉलिवुड फिल्म का फील देती है, मगर उसके बाद वह यशराज की परंपरा का निर्वाह करती नजर आती है। पैरिस को नए ढंग से दर्शाने के लिए ओनोयामा की दाद देनी होगी। फिल्म के कई दृश्य कमाल के बन पड़े हैं, जो मनोरंजन के साथ-साथ जगह से बांधे रखते हैं। इंटरवल के बाद रणवीर-वाणी के बीच का डांस सीक्वेंस गजब का बन पड़ा है।

रणवीर फिल्म में संजीवनी बूटी का काम करते हैं। कई दृश्यों में वे इतने सहज हैं कि महसूस ही नहीं होता कि वह अभिनय कर रहे हैं। उनकी शरारत, बचपना, दुविधा, पागलपन जैसे तमाम भावों को वह बिना किसी मशक्कत के निभा ले जाते हैं। फिल्म के एक दृश्य में रणबीर को न्यूड दर्शाया गया है, जिसकी कोई जरूरत नहीं थी। वाणी ने अपने किरदार को सार्थक बंनाने की हरचंद कोशिश की है, मगर उनका लुक और चेहरे के हाव-भाव कहीं कमतर साबित होते हैं। हां नृत्य में वह पारंगत नजर आई हैं। विशाल-शेखर के संगीत में 'नशे में चढ़ गई' और 'उड़े दिल बेफिक्रे' फिल्म की रिलीज से पहले ही लोकप्रिय हो चुके हैं। इनका फिल्मांकन बहुत ही खूबसूरती से हुआ है।

कलाकार: रणवीर सिंह, वाणी कपूर
निर्देशक: आदित्य चोपड़ा
मूवी टाइप: Romantic Comedy
अवधि: 2 घंटा 10 मिनट
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