पीएम ने प्रसिद्ध स्‍वतंत्रता सेनानी रानी गाइदिन्‍ल्‍यू के जन्‍म शताब्‍दी समारोह का किया उद्घाटन

जनता जनार्दन डेस्क , Aug 25, 2015, 12:18 pm IST
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पीएम ने प्रसिद्ध स्‍वतंत्रता सेनानी रानी गाइदिन्‍ल्‍यू के जन्‍म शताब्‍दी समारोह का किया उद्घाटन नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज नई दिल्‍ली के विज्ञान भवन में पूर्वोत्‍तर की प्रसिद्ध स्‍वतंत्रता सेनानी रानी गाइदिन्‍ल्‍यू के जन्‍म शताब्‍दी समारोह का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने रानी गाइदिन्‍ल्‍यू पर सौ रूपये का स्‍मरणोत्‍सव सिक्‍का और पांच रूपये का सिक्‍का संचलन के लिए जारी किया।

रानी गाइदिन्‍ल्‍यू को ‘रानी मां’ के रूप में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये हमारा दुर्भाग्‍य है कि रानी गाइदिन्‍ल्‍यू जैसे लोगों को पर्याप्त रूप से स्‍मरण नहीं किया जाता अथवा उन्‍हें जानबूझकर भुला दिया गया है। श्री मोदी ने बल देते हुये कहा कि भारत को स्‍वतंत्रता संघर्ष की गौरवशाली विरासत को याद रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे स्‍वतंत्रता सैनानियों के संघर्षों और उपलब्धियों की विरासत को अगली पीढि़यों तक पहुंचाया जाएं।

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्‍तर में महात्‍मा गांधी के संदेश को प्रसारित करने का श्रेय रानी गाइदिन्‍ल्‍यू को दिया। उन्‍होंने कहा कि प्रकृति के साथ सद्भावना से रहने के रानी मां के विचार आज संसार के द्वारा झेली जा रही जलवायु परिवर्तन की समस्‍या को समाधान प्रदान कर सकते है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में, केन्‍द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रानी गाइदिन्‍ल्‍यू ने अपने क्रांतिकारी उत्‍साह के साथ पूर्वोत्‍तर के लोगों का प्‍यार और स्‍नेह जीता था। हालांकि वह पूर्वोत्‍तर क्षेत्र से थी, लेकिन देश की स्‍वतंत्रता के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी और महात्‍मा गांधी के साथ राष्‍ट्रीय स्‍तर के स्‍वतंत्रता संघर्ष में शामिल हुई।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि महलों में जन्‍म लेने वाले लोग आमतौर पर राजा अथवा रानी कहलाते है, लेकिन एक विनम्र परिवार में जन्‍मी महिला को रानी मां का खिताब मिलना, उनके प्रति लोगों के प्‍यार और स्‍नेह के कारण ही संभव है।

गृहमंत्री ने कहा कि इतिहासकारों ने रानी गाइदिन्‍ल्‍यू के साथ न्‍याय नहीं किया है और अब सरकार भारत के स्‍वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर एक अध्‍याय को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल ही में एनएससीएन (आईएम) के साथ हुआ शांति समझौता इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता को संरक्षित करने के रानी मां के स्‍वप्‍न को साकार करता है।

केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामलों और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा कि रानी गाइदिन्‍ल्‍यू के जन्‍म शताब्‍दी समारोह के साथ एक अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण क्रांतिकारी नेता की कहानियों को आज भी दोहराया जा रहा है। पूर्वोत्‍तर के ऐसे महत्‍वपूर्ण व्‍यक्तियों के इतिहासों की राष्‍ट्र को जानकारी देनी चाहिए, ताकि ये आगे चलकर राष्‍ट्रीय एकता का कारण बन सकें।

मंत्री महोदय ने कहा कि रानी मां ने स्‍वयं के संघर्ष को राष्‍ट्रीय स्‍वतंत्रता आंदोलन से जोड़ते हुए सम्‍पूर्ण देश के लिए पूर्वोत्‍तर के क्षेत्र की भावनात्‍मक एकता का एक दीर्घकालीन मार्ग भी प्रशस्‍त किया है।

श्री जेटली ने कहा कि केन्‍द्र पूर्वोत्‍तर के लोगों को बेहतर सम्‍पर्क, शिक्षा और उन्‍नत जीवन स्‍तर प्रदान करने के प्रति वचनबद्ध है और हाल ही का भारत-बांग्‍लादेश भूमि सीमा समझौता एक ऐसा महत्‍वपूर्ण कदम है, जिससे पूर्वोत्‍तर क्षेत्र को भौगोलिक दृष्टि से देश के बाकी हिस्‍सों के करीब लाने मे सहायता मिलेंगी।

अपने स्‍वागत संबोधन में, डॉक्‍टर महेश शर्मा ने कहा कि रानी गाइदिन्‍ल्‍यू का जन्‍म शताब्‍दी समारोह पूर्वोत्‍तर के लोगों का सम्‍मान होने के साथ-साथ रानी मां की महानता के प्रति लोगों में जागरूकता जगाने और उनके संघर्ष से राष्‍ट्र को एकजुट बनाने का एक महत्‍वपूर्ण अवसर है। उन्‍होंने कहा कि अपने देश के प्रति योगदान के लिए युवाओं के समक्ष एक उदाहरण बनने के लिए रानी गाइदिन्‍ल्‍यू के सिद्धांतों और आदर्शवाद को युवाओं के जीवन में लाने का केन्‍द्र प्रयास कर रहा है।

पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि रानी गाइदिन्‍ल्‍यू पूर्वोत्‍तर की विरासत, पूर्वोत्‍तर की विशिष्‍टता के साथ-साथ भारत के राष्‍ट्रीय लोकाचार के प्रति पूर्वोत्‍तर के लोगों और नागा लोगों की प्रतिबद्धता की प्रतीक है। उन्‍होंने घोषणा की कि रानी गाइदिन्‍ल्‍यू एक श्रद्धांजलि के तौर पर पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने कोहिमा में एक पुस्‍तकालय-एवं-संग्रहालय की स्‍थापना के लिए 983.08 लाख रूपये की निधि का आबंटन किया है, जो रानी मां को समर्पित की जाएगी।      

डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने हाल ही में ‘दरवाजे पर पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास’ प्रयोग की शुरूआत की है, जो स्‍वतंत्र भारत के इतिहास में अ‍द्वितीय है। उन्‍होंने कहा कि पूर्वोत्‍तर के 8 राज्‍यों में से प्रत्‍येक में एक-एक करके पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय का एक ‘सचिवालय शिविर’ पहल लोगों की समस्‍याओं के समाधान में एक महत्‍वपूर्ण पहल है।

नगालैंड और असम के राज्‍यपाल श्री पी.बी.आचार्य, मणिपुर के मुख्‍यमंत्री श्री ओकराम इबोबी सिंह और नगालैंड के मुख्‍यमंत्री श्री टी.आर. जिलियांगसो ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्‍यक्‍त किये। उद्घाटन कार्यक्रम का शुभारंभ रानी गाइदिन्‍ल्‍यू की प्रशंसा में नगालैंड के एक गायक-वृन्‍द द्वारा एक संगीतमय प्रस्‍तुति से हुआ।
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