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भारत-पाक सीजफायर पर चीन का दावा?

जनता जनार्दन संवाददाता , Dec 31, 2025, 10:21 am IST
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भारत-पाक सीजफायर पर चीन का दावा?

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर अंतरराष्ट्रीय बयानबाज़ी थमने का नाम नहीं ले रही है. वॉशिंगटन के बाद अब बीजिंग की ओर से भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया सामने आई है. भारत द्वारा तीसरे पक्ष की किसी भी भूमिका को सिरे से नकारे जाने के बावजूद चीन ने दावा किया है कि उसने मई महीने में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम कराने में मध्यस्थता की थी.


मंगलवार (30 दिसंबर) को बीजिंग में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अंतरराष्ट्रीय हालात और चीन की विदेश नीति पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में संघर्ष और अस्थिरता तेजी से बढ़ रही है.वांग के मुताबिक, पहले की तुलना में इस साल स्थानीय युद्धों और सीमापार टकरावों की संख्या में इजाफा हुआ है और भू-राजनीतिक तनाव लगातार गहराता जा रहा है.

भारत-पाक तनाव में मध्यस्थता का चीन का दावा

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वांग यी ने कहा कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय विवादों में संतुलित और न्यायसंगत रुख अपनाया है. उन्होंने बताया कि बीजिंग ने सिर्फ समस्याओं के लक्षणों पर नहीं, बल्कि उनके मूल कारणों पर भी ध्यान केंद्रित किया है. वांग ने दावा किया कि चीन ने उत्तरी म्यांमार, ईरान के परमाणु मुद्दे, भारत-पाकिस्तान तनाव, फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष के साथ-साथ कंबोडिया और थाईलैंड के बीच हालिया विवाद में भी मध्यस्थता की भूमिका निभाई.

भारत पहले ही खारिज कर चुका है तीसरे पक्ष की भूमिका

चीनी विदेश मंत्री का यह बयान उस समय आया है, जब अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कार्रवाई की थी. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक तनाव बना रहा.भारत सरकार लगातार यह स्पष्ट करती रही है कि इस दौरान किसी भी बाहरी देश ने हस्तक्षेप नहीं किया. 13 मई को विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दोहराया था कि सीजफायर दोनों देशों के बीच सीधे सैन्य संवाद के जरिए हुआ, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से.

चीन-पाक सैन्य रिश्तों पर उठते सवाल

नई दिल्ली का रुख साफ है कि भारत-पाक संबंधों में किसी बाहरी पक्ष की भूमिका स्वीकार्य नहीं है. मई में हुए टकराव के दौरान चीन की संभावित संलिप्तता को लेकर भी सवाल उठे थे.इस बीच यह तथ्य भी सामने आता रहा है कि चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है. आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान को मिलने वाले 81 प्रतिशत से अधिक सैन्य उपकरण चीन से आते हैं, जिससे क्षेत्रीय समीकरणों पर बीजिंग की भूमिका को लेकर चर्चा और तेज हो गई है.

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