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NDA में सीटों पर बनी सहमति! कल हो सकता है औपचारिक ऐलान
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 10, 2025, 21:22 pm IST
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![]() इस बहुप्रतीक्षित घोषणा के दौरान बीजेपी, जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) और राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलएम) के शीर्ष नेता एक मंच पर नजर आएंगे. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बड़े नेता मौजूद रह सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल हैं. सीटों पर बनी सहमति, किसे कितनी सीटें मिलेंगी? सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनडीए के प्रमुख घटक दलों के बीच सीटों की संख्या को लेकर व्यापक सहमति बन गई है. बीजेपी और जेडीयू के बीच समझौता लगभग तय है, जबकि अन्य सहयोगी दलों को भी सम्मानजनक भागीदारी दी गई है. बताया जा रहा है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच बड़ी संख्या में सीटों का बंटवारा होगा, जहां दोनों प्रमुख खिलाड़ी के रूप में चुनाव लड़ेंगे. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जिसके प्रमुख चिराग पासवान हैं, को लगभग 25–26 सीटें मिल सकती हैं. हम पार्टी, जिसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी कर रहे हैं, को 7–8 सीटें दी जा सकती हैं. आरएलएम, यानि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 5–6 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है. हालांकि यह सभी आंकड़े अंतिम नहीं हैं, लेकिन अब तक की बातचीत में यही प्रारंभिक फार्मूला सामने आया है. आधिकारिक पुष्टि कल की घोषणा के साथ होगी. बीजेपी की भूमिका और रणनीति एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी ने इस बार सीट शेयरिंग प्रक्रिया की अगुवाई की. दिल्ली में पार्टी के कोर नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई है, जिसके बाद अंतिम मुहर लगने की संभावना है. बीजेपी ने इस प्रक्रिया में सभी सहयोगी दलों को संतुलित भागीदारी देने का प्रयास किया है, ताकि गठबंधन में सामंजस्य बना रहे. बीजेपी के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि यह सिर्फ सीटों की संख्या का सवाल नहीं है, बल्कि सम्मान और भागीदारी की भावना को भी ध्यान में रखा गया है. पार्टी का इरादा है कि चुनाव से पहले एक मजबूत और एकजुट गठबंधन का संदेश जनता तक पहुंचे. एकजुटता का संदेश देने की तैयारी एनडीए इस साझा घोषणा के ज़रिए यह संदेश देना चाहता है कि गठबंधन के भीतर कोई मतभेद नहीं है और सभी दल मिलकर आगामी चुनाव में एक साझा रणनीति के तहत उतरेंगे. इसके साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि सीट बंटवारे की घोषणा के बाद एनडीए अपने पहले संयुक्त प्रचार अभियान की भी शुरुआत कर सकता है. संभावना है कि प्रचार अभियान की शुरुआत पटना या किसी प्रमुख ज़िले से की जाए, जहां मुख्यमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्री मंच साझा करेंगे. यह कार्यक्रम केवल राजनीतिक रैली नहीं होगा, बल्कि एक प्रकार का शक्ति प्रदर्शन होगा जिससे विपक्ष पर भी दबाव बनाया जा सके. विपक्ष पर पलटवार की तैयारी बीजेपी और एनडीए के नेता, खासकर बीजेपी के रणनीतिकार, अब महागठबंधन और प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज को भी निशाने पर लेने की योजना बना चुके हैं. माना जा रहा है कि जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आएंगे, एनडीए का प्रचार अभियान और तेज़ होगा और यह गठबंधन 'विकास बनाम जंगलराज' जैसे पुराने लेकिन प्रभावशाली मुद्दों को फिर से उठा सकता है. विशेष ध्यान दिया जा रहा है विपक्षी दलों की सीटों पर संभावित कमजोरियों और अंतर्विरोधों पर. एनडीए की योजना है कि गठबंधन की एकता और स्थायित्व को सामने लाकर मतदाताओं को यह दिखाया जाए कि वे एक संगठित और स्थिर विकल्प हैं. |
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