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हूती विद्रोहियों पर भड़का इजराइल, मिसाइलें दागकर खड़ी कर दी खाट!
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Aug 25, 2025, 10:11 am IST
Keywords: वैश्विक इजराइल पश्चिम एशिया फाइटर जेट fighter jet iran
![]() पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध जैसे हालात की ओर बढ़ता दिख रहा है. रविवार को इज़राइल ने यमन की राजधानी सना में जोरदार हवाई हमले किए, जिसमें ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के कई ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस कार्रवाई में अब तक दो लोगों के मारे जाने और पांच के घायल होने की खबर है. सना में रातभर धमाकों की गूंज सुनाई देती रही, जिससे शहर में दहशत का माहौल बन गया. इज़रायली सेना ने इस कार्रवाई को एक “जवाबी हमला” करार दिया है. उनका कहना है कि हूती विद्रोहियों ने हाल ही में इज़राइल की ओर मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे, जिनमें नागरिक क्षेत्रों को टारगेट बनाया गया. सेना की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जिन स्थानों पर बमबारी की गई, उनमें यमन का राष्ट्रपति भवन परिसर, दो विद्युत संयंत्र और एक ईंधन भंडारण स्थल शामिल हैं. बैलिस्टिक मिसाइल ने बढ़ाई चिंता कुछ ही दिन पहले हूती विद्रोहियों ने यमन से बैलिस्टिक मिसाइल दागने का दावा किया था. यह मिसाइल एक खास तरह के सब-म्युनिशन के साथ लैस थी, जो लक्ष्य पर पहुंचते ही कई हिस्सों में फटने में सक्षम थी. इज़रायली अधिकारियों के अनुसार, यह अब तक का सबसे जटिल हमला था, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि हूती विद्रोही अब ज्यादा उन्नत हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. गाजा युद्ध का असर: क्षेत्रीय मोर्चे पर सक्रियता हूती गुट की ये गतिविधियां अचानक नहीं हैं. अक्टूबर 2023 में गाजा में शुरू हुए इज़राइल-हमास युद्ध के बाद से हूती लगातार सक्रिय हैं. वे न सिर्फ लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जहाज़ों पर हमले कर रहे हैं, बल्कि समय-समय पर इज़राइल की ओर भी मिसाइलें दाग रहे हैं. इस बार हालांकि, इज़राइल ने खुलकर सना में जवाबी हमला कर अपनी रणनीति का विस्तार किया है. हूती नेता की खुली चेतावनी हमले के कुछ ही घंटों बाद, हूती नेता अब्दुल कादिर अल-मुर्तदा ने बयान जारी कर इज़राइल को चेतावनी दी. उन्होंने कहा, “हम अपने फिलिस्तीनी भाइयों का साथ हर हाल में देंगे. अगर इसके लिए हमें भारी कीमत चुकानी पड़ी, तब भी हम पीछे नहीं हटेंगे.” यह बयान यह स्पष्ट करता है कि हूती गुट अब सीधे-सीधे गाजा के मोर्चे पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता है. वैश्विक असर और चिंताएं विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह संघर्ष यूं ही बढ़ता रहा, तो इसका असर सिर्फ इज़राइल और यमन तक सीमित नहीं रहेगा. लाल सागर में जहाजरानी पर खतरा, तेल आपूर्ति में रुकावट और समुद्री व्यापार की सुरक्षा को लेकर वैश्विक चिंता गहराती जा रही है. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका सहित कई देशों की नजरें अब इस घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं, क्योंकि एक छोटी सी चिंगारी किसी बड़े क्षेत्रीय युद्ध की वजह बन सकती है. |
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